
रायपुर: रायपुर के चर्चित NHMMI अस्पताल का आखिरकार लाइसेंस निरस्त हो गया है। एक जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की उच्च स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने NHMMI अस्पताल के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही के निर्देश दिए थे। आखिरकार, लंबे इंतजार के बाद कार्यालय कलेक्टर से भी इस अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने के फरमानों पर प्रशासनिक मुहर लग गई है। सूत्र तस्दीक कर रहे है कि एक माह के नोटिस के बाद NHMMI अस्पताल का लाइसेंस ही निरस्त कर दिया गया है। इसके साथ ही यहाँ भर्ती मरीजों और डॉक्टरों को नए ठिकानों का रुख करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग से मंजूरी मिलने के बाद लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया कानूनन एक माह की बताई जा रही है, इसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। मामला भारती देवी खेमानी की मौत से जुड़ा बताया जा रहा है

भारती देवी खेमानी के परिजनों से इस अस्पताल में इलाज के दौरान लाखों की अवैध वसूली की गई थी। इलाज के सौदागरों ने मात्र 24 घंटे के भीतर पीड़ित परिजनों को लगभग 15 लाख का बिल थमा कर कंगाल बना दिया। अस्पताल प्रबंधन के हाथ यही नहीं थमे, इलाज में लापरवाही बरतने के बाद डॉक्टरों ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे। मरीज की गंभीर हालत से परिजनों को अवगत कराते हुए 1 करोड़ का स्टीमेट सौंप कर उच्च स्तरीय इलाज के लिए हैदराबाद रिफर कर दिया गया था। इसके लिए NHMMI ने एयर एम्बुलेंस उपलब्ध कराई और इसका लगभग 7 लाख रुपये बतौर विमान किराया पृथक से वसूला था। हैरानी वाली बात यह थी कि इस एयर एम्बुलेंस में ना तो डॉक्टर मौजूद था और ना ही जीवन रक्षक मेडिकल उपकरण। यहाँ तक कि वेंटिलेटर भी इस विमान में उपलब्ध नहीं कराया गया था।

अस्पताल प्रबंधन पर यकीन करते हुए मरीज और परिजन इस एयर एम्बुलेंस में सवार हुए थे। लेकिन विमान टेकऑफ़ होते ही आसमान का एक चक्कर लगाने के बाद चंद मिनटों के भीतर पुनः एयरपोर्ट के रन-वे में उतर गया था। लेंडिंग के दौरान इस विमान से उतरते हुए रोते-बिलखतेपरिजनों ने आपबीती सुनाते हुए न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ को अवगत कराया था कि एयर एम्बुलेंस में डॉक्टर और वेंटिलेटर ही उपलब्ध नहीं है, मरीज की जान पर बन आई है, उसे ऑक्सीजन की सख्त आवश्यकता है।
𝗥𝗮𝗺 𝗻𝗮𝗿𝗲𝘀𝗵 𝘀𝗶𝗻𝗵
