छत्तीसगढ़:- हम सभी को यह पता है कि लगभग सभी विभाग में प्लेसमेंट के माध्यम से किसी कंपनी के द्वारा शासकीय कार्यालयों में विभिन्न पदों पर आवश्यक्तानुसार भर्ती किया जाता है। लेकिन सरकार उस कंपनी के ऐसे बेरोजगार युवाओं से भर्ती करने के नाम पर पैसा लेने के लिए भी अनुमति दिए हैं क्या?मानता हूँ डिमांड ड्राफ्ट के लिए कुछ राशि लगता है लेकिन अभी ऐसा माहौल चल रहा है जो मेरी जानकारी में आया है राजस्व विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए 2.30 लाख, चपरासी (peon) के लिए 1.80, शराब दुकान में सेल्समेन के लिए 1.20 ऐसे ही और कई विभाग हैं जिसके लिए अलग अलग पोस्ट के हिसाब से अलग अलग डिमांड किया जाता है तो सरकार कंपनियों को इसकी अनुमति देती है क्या? और यह राशि लेना सहीं है क्या? ऐसा नहीं है कि इस बारे में शासन प्रशासन को जानकारी नहीं है लेकिन सभी गहरी नींद में है। भाजपा कि साय सरकार भले ही भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टोलरेंस कि बात करती हो लेकिन सच्चाई कुछ और ही बयां करती है। कंपनी बेरोजगार युवाओं के मज़बूरी का फायदा उठा रहे हैं। बाकायदा डिमांड बताने और पैसे लेने के लिए एजेंट रखे हैं। ज़ब किसी सरकारी नौकरी में लगाने के लिए पैसा लेना अपराध है तो प्लेसमेंट के माध्यम से भर्ती करने के लिए मनमानी पैसे लेना कहाँ तक सहीं है यह सोचने कि बात है। क्या इसी लिए सरकारी विभाग को अब ठेका में दिया जा रहा वहां कर्मचारी प्लेसमेंट के माध्यम से भर्ती किया जा रहा। कौन है इस खुलेआम चल रहे भ्रष्टाचार का जिम्मेदार पूछता है छत्तीसगढ़ कि बेरोजगार युवा और मासूम जनता?

रिपोर्ट : एन. के. सिन्हा

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