
राजनांदगांव। जिले के हाइवे में स्थित ग्राम इंदामरा का चर्चित वॉटर पार्क जहां से कभी मारपीट तो कभी जुआ खेलने को लेकर खबरे आती रहीं यह अलग बात है कि आख़िर किस प्रभाव के चलते पुलिस बार बार ठिठक कर रुक जाती रही है। इसके पीछे आखिर कौन प्रभावशाली है जिसकी सिफारिश से खाकी दहलीज पर ही रुक जाती है या कोई ऐसा भारी वजन हाथों पर रख दिया जाता है जिस से पांव आगे बढ़ने की ताक़त ही खो देता हैं और फिर बचाव का तर्क शुरू हो जाता है। एक्वा विलेज वाटर पार्क में शुक्रवार के 13 वर्षीय किशोर की डूबने से मौत हो गई जिस पर कार्यवाही को लेकर पूरे शहर में चर्चा सरगम है और लोग ऐसे असुरक्षित स्थानो मे अपने बच्चों को ले जाने से डरने लगे हैं। शुक्रवार को एक्वा विलेज वाटर पार्क में अपने परिजनों के साथ नहाने पहुंचे नागपुर के गोंदिया निवासी 13 वर्षीय अंशुल पिता सुरेश भंडारकर की डूबने से मौत हो गई। हादसा शुक्रवार दोपहर 2 बजे की बताई जा रही है, लेकिन इस मामले में अब तक पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है। इसे लेकर पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है। लालबाग पुलिस के अनुसार अंशुल मंद बुद्धि का बच्चा था, परिवार वाले उसे ज्यादातर कहीं लेकर आते-जाते नहीं थे, लेकिन शुक्रवार को उसे भी वाटर पार्क लेकर पहुंचे थे।परिवार के अन्य लोग नहाने के बाद कपड़ा बदलने के लिए पहुंचे थे, इस दौरान अंशुल पानी की गहराई चले गया और किसी की नजर नहीं पड़ी, थोड़ी देर बाद उसे निकाला गया, डॉक्टराें ने मृत घोषित कर दिया। इन घटना को बीते दो दिन हो चुका है लेकिन इसके बावजूद अब तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई की कोई खबर नहीं आई है।क्या पुलिस को इस तरह की गंभीर मामलों में वाटर पार्क के ज़िम्मेदार संचालकों पर अपराध दर्ज नहीं करना चाहिए? क्योंकि राजनंदगांव की आवाज दिल्ली तक पहुंचती है कहां जाता है प्रदेश के किसी कोने से भले आवाज दिल्ली तक न पहुंचे पर राजनांदगांव एक ऐसा जिला है जिसकी आवाज दिल्ली तक पहुंचती है दूर तक आवाज पहुंचने की ताकत रखने वाले जनप्रतिनिधि आखिर ऐसे मसलो पर खामोश क्यों हो जाते है, या ऐसा तो नहीं कि इनका प्रभाव कानून की बेड़िया खोलने में ज्यादा सफ़ल हो रही है भले अपराध पर पर्दा डालने के काम ही क्यों ना आए। ऐसे में वीआईपी कहलाने वाला जनप्रतिनिधियों से भरमार जिला कृत्य को छुपाने सबसे महफूज माना जाएगा।
रिपोर्ट : एन के सिन्हा
