शारदीय नवरात्रि के पहले दिन वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. हजारों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.

जम्मू:

जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर भूस्खलन के बाद कई दिनों तक बंद रहा था. पिछले सप्ताह से एक बार फिर भक्तों के लिए मंदिर खोल दिए गए हैं.  नवरात्र के मौके पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. अधिकारियों ने बताया कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने भी तीर्थयात्रियों का मार्गदर्शन करने, भारी भीड़ का प्रबंधन करने और 12 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग पर सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए स्वयंसेवकों को तैनात किया है. 

उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न भागों से आने वाले पर्यटकों को आरामदायक तीर्थयात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए पेयजल, चिकित्सा सहायता और भीड़ प्रबंधन उपायों सहित अतिरिक्त सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं. 

छब्बीस अगस्त को मूसलाधार बारिश के बीच मार्ग पर हुए विनाशकारी भूस्खलन के कारण 22 दिनों तक स्थगित रहने के बाद इस पवित्र तीर्थस्थल की तीर्थयात्रा 17 सितंबर को पुनः शुरू हुई थी. इस भूस्खलन में 34 लोगों की मौत हो गई थी और 20 अन्य घायल हो गए थे. 

बाईस सितंबर से एक अक्टूबर तक चलने वाले नवरात्र, देवी दुर्गा की उपासना के लिए समर्पित है और इसका माता वैष्णो देवी मंदिर में विशेष महत्व है, जहां इस दौरान सबसे अधिक तीर्थयात्री आते हैं. श्रद्धालु भजन गाते और प्रार्थना करते समृद्धि और कल्याण का आशीर्वाद मांगते हुए, चढ़ाई चढ़ते हैं.  एसएमवीडीएसबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सचिन कुमार वैश्य ने कहा, ‘‘मंदिर बोर्ड त्योहार के दौरान श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है. सुरक्षा समेत सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं. श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए ‘भवन’ (गर्भगृह) सहित पूरे मार्ग को पहले की तरह अतिरिक्त सीढ़ियों से सजाया गया है.”

अधिकारी ने बताया कि हेल्प डेस्क के अलावा, इस साल पूरे मार्ग पर श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करने और उनके सवालों के जवाब देने के लिए स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है. सीईओ ने कहा, ‘‘स्वयंसेवकों की पहचान उनके पहनावे से होगी, जिस पर लिखा होगा ‘मैं आपकी कैसे मदद कर सकता हूं’. उन्हें मार्ग पर तैनात किया गया है.”

उन्होंने कहा कि मंदिर बोर्ड ने संचार नेटवर्क को मजबूत करने के लिए वायरलेस सेट फिर से शुरू करने और मार्ग पर अतिरिक्त संकेतक लगाने के अलावा भीड़ को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और संयुक्त गश्ती निगरानी का भी निर्णय लिया है.  उन्होंने कहा कि त्योहार के दौरान पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), अर्धसैनिक बलों और त्वरित प्रतिक्रिया दलों की भागीदारी वाला एक बहु-स्तरीय सुरक्षा तंत्र सुनिश्चित किया जाएगा. 

अधिकारियों ने बताया कि पिछले पांच दिनों में मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि देखी गई है और शुक्रवार को 4,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने मंदिर में दर्शन किए.  उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों को वैध पहचान पत्र साथ रखने, निर्धारित मार्गों का अनुपालन करने और कर्मचारियों के साथ सहयोग करने की सलाह दी जाती है. उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और पता लगाने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिटी कार्ड (आरएफआईडी) आधारित ट्रैकिंग अनिवार्य है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *