मेरठ के HIIMS अस्पताल में पेट-यकृत-प्लीहा शुद्धि किट की लॉन्चिंग, आयुर्वेद की ताकत को दुनिया के सामने रखा

मेरठ स्थित एशिया के सबसे बड़े आयुर्वेद अस्पताल HIIMS में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आयुर्वेद और नेचुरोपैथी विशेषज्ञ आचार्य मनीष ने लखनऊ के बाद अब मेरठ में भारत की पहली पेट-यकृत-प्लीहा शुद्धि किट लॉन्च की। यह कदम उनके उस मिशन का हिस्सा है जिसमें वे आधुनिक जीवनशैली में आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा को जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।

लॉन्च के अवसर पर आचार्य मनीष ने कहा- “आयुर्वेद हमें सिखाता है कि उपचार की शुरुआत जड़ से होनी चाहिए। जब शरीर की नाड़ियां शुद्ध और मजबूत होती हैं तो बीमारी पीछे हटने लगती है। आयुर्वेदिक डिटॉक्सिफिकेशन सिर्फ एक विकल्प नहीं बल्कि उपचार की पहली क्लीनिकल सीढ़ी है। इसे जीवनशैली का हिस्सा बनाने से हम लंबे समय तक स्वस्थ और रोगमुक्त रह सकते हैं। कोविड के दौरान हमने देखा कि आयुर्वेद ने इम्यूनिटी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई और इसे आयुष मंत्रालय ने भी मान्यता दी।” कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों ने आचार्य मनीष की देखरेख में राहत पाई है। उनके प्रयासों से कई लोगों ने बिना बड़े ऑपरेशन के बेहतर स्वास्थ्य पाया और अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव किया। एक मरीज ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा- “मुझे बताया गया था कि डायलिसिस ही मेरा आखिरी सहारा है लेकिन HIIMS में आयुर्वेदिक इलाज के बाद मेरी हालत सुधरी और डायलिसिस की जरूरत ही नहीं पड़ी। आयुर्वेद प्राकृतिक तरीकों से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है।

आचार्य मनीष पिछले 20 वर्षों से भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं। वह आयुर्वेद के रास्ते से लाइलाज समझी जाने वाली बीमारियों के समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं। उनकी संस्थाएं जीना सीखो लाइफकेयर लिमिटेड, शुद्धि क्लीनिक्स और HIIMS अस्पताल (मेरठ, चंडीगढ़, नवी मुंबई, लखनऊ, पंचकूला और कुरुक्षेत्र) लगातार जड़ से उपचार की सोच को आगे बढ़ा रही हैं।

डिटॉक्सिफिकेशन, जीवनशैली सुधार और अंगों की शुद्धि पर फोकस करते हुए आज उनका नेटवर्क 125 से अधिक अस्पतालों और क्लीनिक्स के जरिए लाखों लोगों तक पहुंच रहा है, जहां 900 से ज्यादा चिकित्सा विशेषज्ञ सेवाएं दे रहे हैं। यह किट जीना सीखो लाइफकेयर लिमिटेड ने वर्षों के शोध और क्लीनिकल परीक्षण के बाद तैयार की है। हालांकि मेरठ में इसका औपचारिक लॉन्च किया गया है, लेकिन यह किट पहले से ही पूरे भारत में उपलब्ध है। इसे www.store.jeenasikho.com, अमेजन, फ्लिपकार्ट, टाटा 1mg और देशभर की प्रमुख फार्मेसियों से खरीदा जा सकता है।

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनी यह किट पेट (आंत), यकृत (लीवर) और प्लीहा (तिल्ली) को स्वस्थ रखने के लिए बनाई गई है। इसमें कुटकी, कालमेघ, हरितकी, गिलोय, आंवला और भूम्यामला जैसी जड़ी-बूटियां शामिल हैं जो लीवर की सुरक्षा, पाचन सुधार और इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर मानी जाती हैं। इसे आयुष मंत्रालय से मंजूरी मिली है और HIIMS के क्लीनिकल नेटवर्क में इसका परीक्षण किया गया है। यह किट न केवल बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए बल्कि स्वस्थ लोगों को लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रखने में भी मददगार है।

मेरठ

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