
राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े त्योहार तीजा-पोला को मनाने के लिए बहनें अपने मायके की ओर रवाना हो रही हैं। उनके पास कुछ पैसे हैं, जिन्हें वे अपने भाई के बच्चों और पिता के लिए कुछ खरीदने के लिए रखे हुए हैं। लेकिन यह क्या? आधे रास्ते में ही उनके साथ लूट हो रही है। और लूटने वाले कोई और नहीं, बल्कि खाकी वर्दीधारी हैं।जी हां, शहर के इंदामरा इलाके में कुछ ऐसी ही लूट की घटनाएं सामने आ रही हैं। बिना किसी अधिकृत आदेश के चेकिंग के नाम पर खुलेआम लोगों से पैसे वसूले जा रहे हैं। यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन जो आज नया और चिंताजनक है, वह यह है कि गरीब किसानों और मजदूरों की बहनें, जो तीज के लिए मायके जा रही हैं, उन्हें रास्ते में ऐसी चेकिंग का सामना करना पड़ रहा है। इस चेकिंग में बिना पैसे दिए एक कदम भी आगे बढ़ना मुश्किल है। यह एक तरह का अनौपचारिक टोल टैक्स बन गया है, जो गरीब मजदूरों और किसानों को हर हाल में देना पड़ रहा है।खाकी वर्दी के सामने बहनें गिड़गिड़ा रही हैं, प्रार्थना कर रही हैं, “भैया, छोड़ दो, जाने दो। इतने पैसे नहीं हैं। जो थोड़े-बहुत पैसे जोड़े थे, उसी से मायके जा रहे हैं।” एक बहन ने बताया कि उसका मायका इतना गरीब है कि साल भर मेहनत कर जोड़े गए पैसों से वह अपने पिता और परिवार के लिए कुछ खरीदना चाहती थी। मायके में उसकी स्थिति ऐसी नहीं है कि वह अपने और अपने बच्चों के लिए नए कपड़े भी खरीद सके। साल भर की मेहनत से जोड़े गए पैसे मायके का सम्मान बनाए रखने के लिए थे। लेकिन चेकिंग के नाम पर उसके सारे पैसे छीन लिए गए। न कोई रसीद दी गई, न कोई रहम दिखाया गया। जब उसने खाकी वर्दीधारियों से गुहार लगाई कि कुछ पैसे वापस कर दें ताकि वह घर लौट सके, तो जवाब में उसे केवल सख्त लहजे में डांट और दुत्कार….
:-𝗥𝗮𝗷𝗲𝘀𝗵 𝘀𝗼𝗻𝗶
