जैन धर्म के सबसे कठोर व्रतों में से एक वर्षीतप तपस्या कर रहे तपस्वियों की सेवा का सौभाग्य प्राप्त करना अत्यंत पुण्य का कार्य माना जाता है। वर्षीतप एक वर्ष लंबी कठिन तपस्या होती है, जिसमें तपस्वी प्रतिदिन या एक दिन छोड़कर उपवास करते हैं।
इसी तपस्या कर रहे तपस्वियों को गुजरात के गृह मंत्री ने अपने हाथों से मिष्ठान खिलाकर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “तपस्वियों का आशीर्वाद पूरे समाज के लिए मंगलकारी है। उनकी साधना से समाज में शांति और सद्भाव का संदेश जाता है।”
गृह मंत्री के हाथों से मिष्ठान ग्रहण करने का यह दृश्य उपस्थित लोगों के लिए भावुक कर देने वाला था। तपस्वियों की इस महान तपस्या के प्रति उपस्थित जनों ने भी अपनी अनुमोदना व्यक्त की और समाज को ऐसे अवसरों में जुड़ने का आह्वान किया।



News by :
Mayank agarwal
Gujrat State Head
