दिल्ली के विकासपुरी इलाके से यो चौंकाने वाली खबर सामने आने से लगता है कि विकासपुरी थाने के अन्दर मामला सिर्फ पत्रकारों पर नही बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा वार है शासन प्रशासन से सवाल पूछना चाहता हूं क्या अब सच दिखाने की सज़ा गाली-गलौज, मार-पीट और झूठे केस दर्ज़ करने की धमकियां आम बात होती जा रही है
बताया जा रहा है कि ATO और एक हेड कांस्टेबल ने न सिर्फ गालियां दी बल्कि कैमरा और मोबाइल से सारा डेटा जबरन डिलीट कर देना बड़े हैरान करने की बात
क्या अब सच दिखाने की सज़ा भुगतनी पड़ेगी
क्या पुलिस की वर्दी अब दमन का हथियार बन गया है
अगर नही तो पत्रकारों को इन्साफ दिलाना जरूरी है और जिसने भी ग़लत किया है उनको सज़ा मिलना जरूरी है

दिल्ली

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