पचपेड़वा (बलरामपुर) महाराणा प्रताप के वंशज थारू समाज ने विपन्नता में भी स्वाभिमान से समझौता नहीं किया। स्वावलंबी ही स्वाभिमानी हो सकता है । उक्त विचार वीरशिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती समारोह में मुख्य अतिथि अयोध्या धाम से पधारे महंत मिथिलेश नंदनी शरण जी महाराज ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का शुभारंभ थारू विकास केंद्र दीनदयाल शोध संस्थान, इमलिया कोडर, पचपेड़वा , बलरामपुर के परिसर में स्थापित वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित करने के पश्चात किया गया। थारू संग्रहालय इमलिया कोडर के ऑडिटोरियम मैं आयोजित भव्य समारोह में मुख्य अतिथि ने थारू समाज से प्रेरणा लेते हुए क्षणिक लाभ के लिए अनैतिक समझौता न करने एवम राष्ट्र की संस्कृति की रक्षा हेतु मोबाइल एवं टी वी पर आने वाले जादू से बचने की सलाह दिया। कार्यक्रम के दौरान थारू समाज के बच्चों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री श्री रमापति शास्त्री ने कहा कि मातृ शक्ति ही थारू समाज का नेतृत्व करती है । माताएं बहने ही देश को उन्नतशील बनाने का कार्य कर रही है। विशिष्ट अतिथि मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय बलरामपुर के कुलपति डॉ रविशंकर सिंह , जिला पंचायत अध्यक्ष बलरामपुर आरती तिवारी , अयोध्या के पूर्व मेयर ऋषिकेश उपाध्याय दीनदयाल शोध संस्थान के वरिष्ठ सदस्य ज्योति मस्करा , तरबगंज – गोण्डा के ब्लॉक प्रमुख मनोज पांडेय , लक्ष्मी देवी सहित अन्य अतिथियों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन दीनदयाल शोध संस्थान के प्रकल्प प्रभारी रामकृष्ण तिवारी व वरिष्ठ वैज्ञानिक उपेंद्रनाथ सिंह द्वारा
संयुक्त रूप से किया गया । संस्थान के वरिष्ठ सदस्य विक्रम प्रसाद पांडेय ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार जताया । कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रा, छात्राओं, खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किया गया । समारोह के समापन पर आयोजित भंडारे में सैकड़ो लोगों ने भोजन, प्रसाद ग्रहण किया ।

बलरामपुर से मसरूर अली की रिपोर्ट
