दिल्ली लोकतंत्र के साथ नया रंग देखने को मिला इंडियन कौंसिल ऑफ प्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष नरेश शर्मा ने कोई भी सरकार हो या अधिकारी हो माफियाओं ने एक ही रट्टा लगा रखा है कोई भी पत्रकार माफियाओं की सच्चाई उजागर करने वाले पत्रकारों पर हमला गाली-गलौज करना आम बात हो रही है लेकिन लेकिन सरकार, अधिकारियों समझ लेना चाहिए कि पत्रकारों स्वर का बांध अगर टूट गया तो आम जनता को जवाब देना भारी पड़ सकता है क्योंकि आम जनता के सच्चे दोस्त इमानदार पत्रकार ही है क्योंकि भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और माफियाओं के पर्दाफाश किया जाता है और इस लिए किसी की भी सरकार हो या अधिकारी और माफियाओं ने एक रट्टा लगा रखा है पत्रकारों पर आएं दिन हमला, गाली-गलौज करना, मार-पीट करना हर रोज़ सूनने को मिलता है और उल्टा ही पत्रकारों पर ही झुठे केस दर्ज़ करवाने का फ़ैशन बन गया है देश के अन्दर पत्रकारों के साथ आए दिन हो रही मार-पीट खबरें चलाने को लेकर पत्रकारों को मार देना,झुठे केस में फंसाना हर समय धमकी मिलना कोई नई बात नहीं है लोकतंत्र का चौथा स्तंभ खतरें में है समय-समय केन्द्र सरकार, प्रदेश सरकार और न्यायालय भी नियम कानून बनाएं है कि पत्रकारों के साथ जो भी अभद्रता करेगा उसके ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी पर ऐसा कुछ देखने को नही मिलता सब कानून हवा हवाई है लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हमेशा लोगों की मदद के लिए अधिकारियों और सरकार के पास हर समस्या पहुंचते है कंधे से कंधा मिलाकर उनका सहयोग करती है पुलिस की बात जनता तक जनता की पुलिस, सभी अधिकारियों, पार्षद, विधायक और सांसदों सभी खबरों को कवरेज कर के जनता तक पहुंचाते है चाहे धूप हो सर्दी चाहे बरसात हो हमेशा वहां पहुंचते है फिर भी पत्रकार भाईयों को मान सम्मान की बात तो छोड़िए दो महिलाएं पत्रकारों ने सुत्र के आधार पर रोहिणी माॅल मे देह व्यापार और नशाखोरी के अड्डे का भंडाफोड़ किया लेकिन वहां माफियाओं ने पत्रकारों के साथ बंधे शब्दों मे बदसलूकी और हाथों पाई की और एक आदमी को पकड़ कर प्रशांत विहार थाने के हवाले किया लेकिन वहां के अधिकारियों उस को छोड़ दिया गया और कोई भी कार्रवाई नहीं की गई इन अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए






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