ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियान ने पत्रकारों से कहा कि अमेरिका चाहता है कि “हम अपना सारा समृद्ध यूरेनियम उन्हें सौंप दें और बदले में वे हमें प्रतिबंधों से तीन महीने की छूट दें. यह किसी भी तरह से मंजूर नहीं है.” यह बयान संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान आया, जहां ईरान प्रतिबंधों से बचने की कोशिश में जुटा है. यूरोपीय देशों ने ‘स्नैपबैक’ को लेकर अपना फैसला सुना दिया है.

न्यूयॉर्क:

ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने तेहरान रवाना होने से पहले पत्रकारों की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि उन्हें अमेरिका की शर्त मंजूर नहीं है. उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन ने तेहरान से प्रतिबंधों को लेकर एक शर्त रखी. उन्होंने तीन महीने की मोहलत के बदले हमें अपना सारा यूरेनियम सौंपने की मांग की थी, जिसे सिरे से खारिज कर दिया गया.

ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियान ने पत्रकारों से कहा कि अमेरिका चाहता है कि “हम अपना सारा समृद्ध यूरेनियम उन्हें सौंप दें और बदले में वे हमें प्रतिबंधों से तीन महीने की छूट दें. यह किसी भी तरह से मंजूर नहीं है.” यह बयान संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान आया, जहां ईरान प्रतिबंधों से बचने की कोशिश में जुटा है. यूरोपीय देशों ने ‘स्नैपबैक’ को लेकर अपना फैसला सुना दिया है.

वहीं, ईरानी न्यूज एजेंसी मेहर ने पेजेशकियान की उस बैठक का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने किसी भी प्रतिबंध के आगे नतमस्तक न होने का दृढ़ निश्चय लिया था. दरअसल, अमेरिका में कुछ ईरानी प्रवासियों के साथ राष्ट्रपति पेजेशकियान ने एक बैठक की. इसमें इजरायल को निशाने पर लेते हुए कहा कि इजरायली शासन ने यह मान लिया था कि लोग ईरान पर उसके हमले का समर्थन करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि दुश्मन यह मानता है कि वह प्रतिबंधों और स्नैपबैक के जरिए ईरान के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है. लेकिन ऐसी समस्याएं राष्ट्र को मजबूत और अधिक दृढ़ बनाती हैं. पेजेशकियान ने कहा कि ईरान का किसी से कोई झगड़ा नहीं है, लेकिन वह दबाव और प्रतिबंधों के आगे झुकेगा भी नहीं.

पड़ोसियों के साथ सहयोग बढ़ाने के सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 17 पड़ोसी राज्यों के साथ संपर्क स्थापित करना ईरान के लिए प्रतिबंधों को बेअसर करने के लिए पर्याप्त है.

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