लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय का नाम मरकज़ तैयबा है, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके में स्थित है. यह मुख्यालय आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है,

जैश कमांडर इलियास कश्मीरी के बाद अब लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर कासिम ने पाकिस्तान की पोल दुनिया के सामने खोलकर रख दी है.  यह लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय भी है. उसने आतंकवादियों के इस ट्रेनिंग कैंप से वीडियो जारी कर खुद कबूल कर लिया कि पाकिस्तान में आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंप चलते हैं और वहां आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी जाती है. साथ ही वीडियो में उसने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को भी स्वीकार करते हुए बताया कि भारत के हमले में ये ट्रेनिंग कैंप पूरी तरह से बर्बाद हो गया था. साथ ही उसने ये भी भी खुलासा किया कि अब फिर से इस ट्रेनिंग कैंप को पाकिस्तान बनवा रहा है और पिछली बार से भी ज्यादा बड़ा इसे बनवाने की तैयारी चल रही है.

दौरा-ए-सफ़्फ़ा ट्रेनिंग क्या है

Operation Sindoor में ध्वस्त किए गए मुरिदके के मरकज़-ए-तैयबा कैंप के सामने खड़े होकर कासिम ने माना कि वहां दहशतगर्दों (मुजाहिदीन और तलबा) को ट्रेनिंग दी जाती थी और यही उनकी फ़तह थी. क़ासिम ने कहा कि अब यहां पहले से भी बड़ा कैंप बनाया जाएगा.  एक और वीडियो में वह युवाओं से दौरा-ए-सफ़्फ़ा नामक ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होने की अपील करता दिखा, जिसमें धार्मिक ब्रेनवॉशिंग और आतंकी ट्रेनिंग दी जाती है.

कासिम ने क्या कहा

कासिम ने एक वीडियो में कहा, “बिस्मिल्लाह उर रहमान उर रहीम… इस वक्त मरकज साहिबा मुरीदके में जामिया मस्जिद…, जिसे हमले में तबाह कर दिया गया था. अब उसकी तामिरी… का सिलसिला जारी है. अल्लाह के फजलो करम से ये मस्जिद पहले से बहुत बड़ी बनेगी. अल्लाह तआला इस मस्जिद को अपने बंदों के लिए आबाद करे. यहां से बड़े मुजाहिद्दीन नमाजें पढ़कर गए हैं.  अल्लाह तआला इस मस्जिद को आबाद करे…”

भूकंप और बाढ़ के पैसे लगा रहा पाकिस्तान

लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय का नाम मरकज़ तैयबा है, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके में स्थित है. यह मुख्यालय आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया जाता है और हथियारों का भंडारण किया जाता रहा है.  2005 में, लश्कर ने भूकंप के दौरान राहत कार्य के नाम पर धन इकट्ठा किया था, जिसका अधिकांश हिस्सा आतंकवादी ढांचे के निर्माण में इस्तेमाल किया गया था. इसी तरह, हाल ही में पाकिस्तान में आई बाढ़ के दौरान भी लश्कर ने धन इकट्ठा किया और इसका उपयोग अपने मुख्यालय के पुनर्निर्माण में किया जा रहा है. भारतीय वायुसेना ने मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के तहत लश्कर के इस मुख्यालय पर हमला किया था, जिसमें मुख्यालय को काफी नुकसान पहुंचा था. अब पाकिस्तान सरकार और सेना लश्कर की मदद से इस मुख्यालय का पुनर्निर्माण कर रही है, जिसका उद्घाटन 5 फरवरी 2026 को कश्मीर एकजुटता दिवस के मौके पर करने की योजना है .

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