बठिंडा: बल्लूआना-मलोट रोड पर स्थित ढाबे अब सिर्फ दिखावे के लिए रह गए हैं। यहां खाने-पीने की सुविधा न के बराबर है, लेकिन इनके पीछे चल रहा है चोरी के डीजल, पेट्रोल और इथेनॉल की बिक्री का अवैध कारोबार। इन ढाबों को ‘तेल के अड्डे’ के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे न सिर्फ सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि सुरक्षा को भी गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
कैसे होता है ये गोरखधंधा?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस पूरे अवैध कारोबार में ढाबा मालिकों, ट्रक चालकों और क्लीनरों की मिलीभगत है। पेट्रोलियम रिफाइनरियों से तेल लेकर निकलने वाले ट्रक चालक और क्लीनर रास्ते में चालाकी से तेल निकाल लेते हैं। इस चोरी किए हुए तेल को वे इन ढाबों पर औने-पौने दामों में बेच देते हैं। ढाबा मालिक इस सस्ते तेल को खरीदकर आगे ग्राहकों को महंगे दामों में बेचते हैं, जिससे उन्हें मोटा मुनाफा होता है।
पुलिस पर संरक्षण के आरोप
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस गोरखधंधे को स्थानीय पुलिस के कथित संरक्षण में चलाया जा रहा है। आरोप हैं कि पुलिस के कुछ अधिकारी इन ढाबा मालिकों से हर महीने ‘वसूली’ करते हैं, जिसकी वजह से यह कारोबार बिना किसी डर के धड़ल्ले से चल रहा है। इस स्थिति ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस का आश्वासन
इस मामले को लेकर जब बालू आना सदर थाना के मुलाजिम जसपाल सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वे इस पूरे मामले की जानकारी तीन-चार साहब को देंगे और इन ढाबे वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा को गंभीर खतरा
इस अवैध कारोबार से न सिर्फ राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि बिना सुरक्षा मानकों के ज्वलनशील पदार्थों का भंडारण और बिक्री किसी भी समय एक बड़े हादसे का कारण बन सकती है। यह स्थिति सड़क सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बनी हुई है।

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