पत्र में बताया के जब से राजस्थान में भाजपा की सरकार आई है तब से लगातार जन कल्याणकारी योजनाएं ला रही हैं। ख़ासकर के किसानों की मदद के लिए हर वर्ष सहयोग राशि सीधे उनके खातों में भेज रही है।लगातार राजस्व एवं अन्य शिविर लगाकर आपकी सरकार उनकी मदद कर रही है।
आपके अधिकारी सरकार को यह नहीं बता रहे हैं कि पिछले सेटलमेंट में जो पैमाईश की गई थी वो बिल्कुल ग़लत थी उसमें हज़ारों त्रुटियां थी। किसी एक के खाते की ज़मीन दूसरे के खाते में कर दी तो कहीं जिसकी ज़मीन रोड के पास थी उसे पीछे और जो खेत पीछे था उसे आगे कर दिया। जब यह ग़लतियाँ अधिकारियों के सामने लाई जाती हैं तो वो कहते हैं कि 136 धारा में एसडीओ कोर्ट में केस कर दो। कुछ किसानों ने केस किये भी हैं तो वे कई वर्षों से फ़ैसले का इंतज़ार कर रहे हैं। केस करने लिए वकील करना पड़ता है जिसको फ़ीस देनी पड़ती है। गलती सरकारी अधिकारियों की और ख़ामियाज़ा किसान को भरना पड़ रहा है, जबकि पुराने खाते और नये खाते को मिलाकर सुधार किया जा सकता है।
अतः आपसे अनुरोध है कि मामलों की अधिकता को देखते हुए पुराने सेटलमेंट को रद्द कर नई पैमाईश करने का आदेश दिलावें ताकि किसानों को सचमुच राहत मिल सके वरना अधिकारियों द्वारा लगाए जा रहे ये शिविर व्यर्थ हो जायेंगे।
मुझे पूरी उम्मीद है कि आपकी जन कल्याणकारी सरकार इस विषय पर शीघ्र निर्णय लेकर पुराने सेटलमेंट को निरस्त कर पुनः नई पैमाइश का आदेश कराने की मांग की।


