
गोंदिया, (3 अगस्त): जिला एवं सत्र न्यायालय के माननीय न्यायाधीश आर. एन. जोशी द्वारा दिए गए एक ऐतिहासिक निर्णय में, एक विकलांग और विधवा महिला के यौन उत्पीड़न के आरोपी देवा उर्फ देवीदास इसाकापे को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।घटना 14 सितंबर, 2018 को हुई थी। पीड़िता, 39 वर्षीय विधवा और मूक-बधिर महिला, अपने छोटे बच्चों के साथ रहती थी। रात के समय, आरोपी नंबर 1 भोजराज टेंभुर्ने और आरोपी नंबर 2 देवा इसाकापे जबरन उसके घर में घुस आए। भोजराज ने पीड़िता का यौन उत्पीड़न किया, जबकि देवा इसाकापे ने उसके हाथ-पैर पकड़कर उसे सहारा दिया। जैसे ही पीड़िता ने इसका विरोध किया, आरोपियों ने पीड़िता के छोटे बेटे की पिटाई की और उसे घर से निकाल दिया।पीड़िता के बेटे द्वारा घटना की जानकारी परिवार को देने के बाद, अगले दिन नवेगांवबांध पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। धारा 376(2)(एल), 376(डी), 109, 323 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया। सहायक पुलिस निरीक्षक प्रतापसिंह शेल्के और बाद में स्वप्निल उनावने ने जाँच अधिकारी के रूप में गहन जाँच की और अदालत में आरोप पत्र दायर किया।
रिर्पोट : जुबैर शेख
