**छुईखदान, | 20 जुलाई 2025**छुईखदान के आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ अब बच्चों को गंदगी और बदबू से भी लड़ना पड़ रहा है। स्कूल परिसर में स्थित शौचालयों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि वहाँ जाना किसी सजा से कम नहीं है। छात्रों और अभिभावकों की मानें तो शौचालयों की नियमित सफाई नहीं होती, जिससे वहाँ बदबू, गंदा पानी और कचरा फैला रहता है। कई बार बच्चों को मजबूरी में खुले में जाना पड़ता है, जो न केवल शर्मनाक है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरा पैदा कर रहा है।एक छात्रा की माँ ने बताया, *“हमने कई बार स्कूल प्रबंधन से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बच्चों को बीमारियों का डर सताता रहता है।”*इस सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले अधिकतर बच्चे ग्रामीण और निम्नवर्गीय परिवारों से आते हैं, जिनके लिए आत्मानंद स्कूल एक उम्मीद की किरण था। लेकिन बुनियादी सुविधाओं के अभाव में यह उम्मीद अब टूटती नजर आ रही है। स्थानीय लोगों ने जिला शिक्षा अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से मांग की है कि स्कूल की सफाई व्यवस्था में जल्द से जल्द सुधार किया जाए और दोषी ठेकेदारों या कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई हो। स्वच्छ भारत मिशन और सरकारी योजनाओं की बात तो हर मंच पर होती है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे एकदम उलट है। आत्मानंद जैसे स्कूलों में ऐसी लापरवाही बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है।

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