सूरत के सिंगणपुर क्षेत्र में 19 वर्षीय युवती की आत्महत्या का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। आरोपों के आधार पर पुलिस ने नाबालिग युवक और उसके पिता को हिरासत में लिया है। कहा गया कि युवक द्वारा परेशान किए जाने से युवती ने यह कदम उठाया।
हालांकि, इस कार्रवाई का विरोध करते हुए युवक के समाज के बड़ी संख्या में लोग पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपा। समाज ने कहा कि युवती की मौत दुखद है, लेकिन केवल एकतरफा आरोप और सोशल मीडिया पर हो रही ट्रोलिंग पूरी तरह गलत है। उन्होंने दावा किया कि युवक ने पिछले एक साल से युवती से सभी प्रकार के संपर्क समाप्त कर दिए थे और उसे सभी सोशल प्लेटफॉर्म पर ब्लॉक कर दिया था। इसके बावजूद युवती मेल और मैसेज के जरिए संपर्क करने का प्रयास करती रही।
परिवार का पुलिस आयुक्त को पत्र:
इस बीच, आरोपी युवक की मां कांताबेन देसाई ने पुलिस आयुक्त को एक पत्र लिखा है, जिसमें FIR संख्या 11210063250483 (दिनांक 15 जुलाई 2025) को निराधार बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की गई है। पत्र में उन्होंने लिखा:
उनका पुत्र और युवती एक कोचिंग क्लास में साथ थे, जिसके चलते दोस्ती हुई थी।
अगस्त 2024 के बाद से पुत्र ने सभी संपर्क तोड़ दिए थे और युवती को सोशल मीडिया पर ब्लॉक कर दिया था।
इसके बावजूद युवती कई बार घर आई और ईमेल के जरिए संपर्क करने का प्रयास करती रही।
मेल प्रिंटआउट से स्पष्ट है कि युवक ने कोई जवाब नहीं दिया।
परिवार का आरोप है कि कुछ सामाजिक और राजनीतिक तत्वों ने मामला तोड़-मरोड़कर पेश किया और झूठी FIR दर्ज करवाई।
परिवार ने दावा किया कि आत्महत्या पारिवारिक कलह के चलते हुई थी, न कि ब्लैकमेलिंग या दबाव के कारण। उन्होंने मांग की है कि FIR को तुरंत रद्द किया जाए और मामले की निष्पक्ष जांच हो।
समाज की मांग:
समाज के लोगों ने पुलिस कमिश्नर से कहा कि जांच एकतरफा न हो और सच सामने लाने के लिए सभी साक्ष्यों की निष्पक्ष जांच की जाए।
अब यह केस नया मोड़ ले चुका है, और पुलिस पर दबाव है कि दोनों पक्षों के दावों की गहराई से जांच कर सच्चाई सामने लाई जाए।


News by
Mayank Agarwal
Gujarat State office
