सूरत के पुना गांव क्षेत्र के रहने वाले 13 वर्षीय बच्चे को पिछले तीन महीनों से एक गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया था। नवमी कक्षा में पढ़ाई कर रहे इस बच्चे को GBS (गुइलेन बेरे सिंड्रोम) नामक दुर्लभ बीमारी हो गई थी, जो आमतौर पर किसी प्रकार के वायरस के कारण होती है।

इस बीमारी में शरीर को लकवा जैसा महसूस होता है और यह पैरों से शुरू होकर पूरे शरीर में फैलती है, यहां तक कि मस्तिष्क तक भी असर करती है। मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले इस बच्चे का इलाज सूरत के स्मીમेर अस्पताल में चल रहा था।

बीमारी इतनी गंभीर थी कि बच्चे को एक महीने से ज्यादा समय तक वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। हालांकि डॉक्टरों की मेहनत, बच्चे के मजबूत हौसले और उसकी मां की लगन ने मिलकर चमत्कार कर दिखाया। धीरे-धीरे बच्चा रिकवर होने लगा और एक महीने पहले उसे वेंटिलेटर से निकालकर जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया।

तीन महीने तक अस्पताल में इलाज के बाद अब बच्चा पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर लौट आया है। अस्पताल से छुट्टी मिलते ही उसके चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान देखने को मिली।

News by
Mayank Agarwal
Gujarat State Office

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