महिला के आरोपों पर आरोपी के पिता ने उठाए सवाल
पुलिस जांच में लगेगी सच्चाई की मुहर
सूरत के पॉश पाल इलाके में एक विवाहित महिला द्वारा लगाए गए दुष्कर्म और लूट के सनसनीखेज आरोपों ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। मामला तब और पेचीदा हो गया जब आरोपी अर्जुन कथारिया के पिता ने सामने आकर महिला पर ही गंभीर आरोप लगा दिए और पूरे घटनाक्रम को एक अलग मोड़ दे दिया।
महिला का आरोप – दुष्कर्म, धोखा और लाखों की लूट
महिला की शिकायत के अनुसार, अर्जुन कथारिया ने पहले उसकी व्यक्तिगत परेशानी में सहानुभूति जताकर दोस्ती की और फिर भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल कर उसे फोर सीज़न होटल, पाल में छह बार दुष्कर्म का शिकार बनाया।
इसके अलावा, अर्जुन पर आरोप है कि उसने महिला से लगभग ₹50 लाख के सोने-चांदी के गहने और ₹2.59 लाख नकद धोखे से हड़प लिए।
महिला ने पाल पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी अर्जुन कथारिया को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी के पिता का पलटवार – “महिला ने फंसाया मेरे बेटे को”
अर्जुन के पिता ने दावा किया है कि महिला ने स्वेच्छा से संबंध बनाए थे और बार-बार खुद होटल आती थी, आईडी कार्ड दिखाती थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सबकुछ उसकी मर्जी से हुआ।
उनका कहना है,
“अगर छह बार होटल में गई और कोई ज़बरदस्ती नहीं हुई, तो यह दुष्कर्म कैसे माना जाए? सच्चाई होटल की सीसीटीवी फुटेज और एंट्री रिकॉर्ड से सामने आ सकती है।”
पैसों और जेवरात को लेकर नया खुलासा
पिता ने बताया कि महिला खुद अपने गहने लेकर अर्जुन के पास आती थी और कहती थी कि इन्हें मुथूट फाइनेंस में गिरवी रखकर पैसे दो। बाद में जब महिला के परिवार से दबाव बढ़ा तो वह अर्जुन को ब्लैकमेल करने लगी कि गहने छुड़वाकर लौटाओ।
इस पूरे तनाव और दबाव के कारण अर्जुन मानसिक रूप से टूट चुका था, और एक बार आत्महत्या की कोशिश भी कर चुका है। घर में लगातार पैसों को लेकर झगड़े होते थे।
अब सवाल यही – कौन है असली दोषी?
इस केस में दोनों पक्षों की ओर से गंभीर आरोप लगे हैं।
क्या वास्तव में यह मामला एक मजबूर महिला के साथ धोखा और शोषण का है?
या फिर यह एक सहमति से बने रिश्ते का अंत है, जिसमें आरोप और प्रत्यारोप का खेल शुरू हो गया है?
पुलिस जांच ही खोलेगी सच्चाई की परतें
फिलहाल पाल पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
होटल की सीसीटीवी फुटेज, आईडी एंट्री रिकॉर्ड, मोबाइल चैट्स और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन जैसे अहम सबूत ही तय करेंगे कि कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ।
न्याय प्रक्रिया के पूरा होने से पहले किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाज़ी होगी।
लेकिन यह मामला समाज में रिश्तों, भरोसे और भावनात्मक शोषण को लेकर एक नई बहस जरूर खड़ी करता है।
पूरे सूरत शहर की नजर अब इस हाई प्रोफाइल केस पर टिकी हुई है — कौन पीड़ित है, कौन दोषी — इसका फैसला अब कानून करेगा।


News by
Mayank Agarwal
Gujarat State office
