सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है
पत्रकारों की आवाज़ दबाने के लिए फर्जी मुकदमे और गिरफ्तारियां हो रही है सवाल पूछना अब अपराधी बना दिया जाता है जब भी पत्रकार अपराध , क्राइम , भू-माफिया, रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार की खबर लगाते है तभी पत्रकारों छुठे केस दर्ज किया जातें है और सरकार की आलोचना करने वालों पर चुप कराने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया जा रहा है
सरकार की तानाशाही नीतियां से देश मे भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है जब पत्रकार ही सुरक्षित नहीं है तो आम जनता कैसे अपनी बात कहेंगे मीडिया की स्वतंत्रता को कुचलना जनता की आवाज़ को दबाने की साज़िश है कुछ दिन पहले सीतापुर मे अज्ञात हमलावरों ने पत्रकार गोली मारकर हत्या कर दी गई ऐसे देखा जाए तो हजारों पत्रकारों पर हमले होते रहे है यो सरकार नये कानून बनाएं जा रहें है लेकिन पत्रकारों की सेफ्टी के लिए कोई कानून नहीं बना पाए पत्रकारिता को खत्म करना चाहते है और मिडिया की स्वतंत्रता को दबाने की साज़िश है
हम सब मिलकर आगे आना होगा अगर आज हमने इस अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठाई तो कल हर नागरिक के अधिकार ख़तरे में होंगे लोकतंत्र बचाना है तो सभी पत्रकार भाईयों और संगठनों को एकजुट होकर आवाज़ उठाई जाए नही तो पत्रकारिता सिर्फ नाम का रह जाएंगी
इंडियन कौंसिल ऑफ प्रेस
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष
नरेश शर्मा
