स्कूली बच्चों की परीक्षाएं चालू हैं इस समय उन्हें सफलता पाने के लिए भरसक मेहनत करनी होती है माता पिता की भी इच्छा होती है कि उनके बच्चे उनके सपने साकार करें पर इस सोच के साथ माता पिता को बच्चों की मानसिकता और अन्य पहलुओं का भी ध्यान रखना होगा कि बच्चे किसी भी प्रकार से दबाव में न रहें!देखने मे आता हैं कि काफी फीसद बच्चों को यह चिंता रहती है कि परीक्षा परिणाम बिगड़ा तो अभिभावक दुखी हो जाएंगे! ऐसी परिस्थिति में बच्चों की कोमल मानसिकता को समझ कर बातचीत करते रहें और बताते रहें की आप खुश हैं!कुछ माता पिता बच्चों से इतनी उम्मीद लगा लेते हैं कि व उनकी क्षमता और मानसिकता का आकलन नहीं कर पाते! परीक्षा के समय अभिभावकों को बच्चों के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार और शांति का वातावरण देना होगा!सकारात्मक वातावरण निर्मित करना चाहिए! अपने बच्चों की तुलना अन्य बच्चों से नहीं करनी चाहिए! यह समझना होगा कि सभी बच्चे एक सामान नहीं होते! बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतन जरूरी है पर सकारात्मक भाव के साथ।

रिपोर्ट. पंडित जुगनू शर्मा
लोकेशन.. खतौली
