छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या केवल एक व्यक्ति का अंत नहीं, बल्कि ईमानदार पत्रकारिता पर सीधा हमला है। मुकेश ने सड़क निर्माण में हुए 56 करोड़ के काम को 102 करोड़ दिखाकर किए गए भ्रष्टाचार को उजागर किया था। यह उनके साहस और सच्चाई के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण था। लेकिन भ्रष्टाचारियों ने सच्चाई को दबाने के लिए उन्हें बेरहमी से तड़पा-तड़पा कर कुल्हाड़ी से काट डाला।

यह मामला सिर्फ भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि उस मानसिकता का है जो सच बोलने वालों को कुचलने के लिए हर हद पार कर जाती है। मुकेश ने न केवल आदिवासियों की समस्याओं को उजागर किया, बल्कि उन सच्चाइयों को सामने लाया जिन्हें बड़े एसी न्यूज़ रूम में बैठे पत्रकार और एंकर नजरअंदाज कर देते हैं। यह हत्या दिखाती है कि जब कोई जमीनी पत्रकार सच्चाई का आईना दिखाता है, तो सत्ता और भ्रष्टाचार के गठजोड़ को बर्दाश्त नहीं होता।

आज का पत्रकारिता जगत अपने कंफर्ट जोन में कैद है। बड़े-बड़े एंकर मेकअप के पीछे छिपकर स्टूडियो में बैठकर प्रोपेगेंडा चलाने में व्यस्त हैं। जमीन पर जाकर हकीकत उजागर करने का साहस कम हो चुका है। ऐसे में मुकेश चंद्राकर जैसे पत्रकार वह आखिरी उम्मीद हैं जो पत्रकारिता को जिंदा रखे हुए हैं। उन्होंने अपनी जान पर खेलकर न केवल भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया बल्कि आदिवासियों की आवाज भी बने।

मुकेश की हत्या पर देश खामोश है। नेता, अधिकारी, और बड़े पत्रकार चुप हैं। यह चुप्पी बताती है कि सच्चाई का साथ देने का साहस कम हो गया है। लेकिन यह समझने का समय है कि अगर सच्चाई के पहरेदार इसी तरह खत्म किए जाते रहे, तो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी गिर जाएगा।

यह सवाल केवल मुकेश की हत्या का नहीं है, बल्कि उस सिस्टम का है जो भ्रष्टाचारियों को पनाह देता है। अगर 56 करोड़ के काम को 102 करोड़ दिखाकर आदिवासियों के हक को लूटा जाता है और इसे उजागर करने वाले की हत्या कर दी जाती है, तो यह लोकतंत्र के लिए चेतावनी है।

मुकेश चंद्राकर ने अपनी ईमानदारी और साहस से पत्रकारिता का कद ऊंचा किया। लेकिन उनकी हत्या यह सवाल खड़ा करती है कि क्या अब सच बोलने की कीमत मौत है? देश की चुप्पी शर्मनाक है। अब वक्त है कि सच्चाई के लिए खड़ा हुआ जाए। मुकेश केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पत्रकारिता की आत्मा थे। उनकी मौत हमें याद दिलाती है कि सच्चाई को दबाने की कोशिशें होंगी, लेकिन उसे उजागर करने वाले हमेशा जीवित रहेंगे।

छत्तीसगढ़

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