प्रदेश के करीब 50 हजार शिक्षामित्रों को सरकार ने नए साल का तोहफा दिया है। शिक्षामित्र अब अपने मूल या समीप के स्कूल में तबादला करा सकेंगे। इसके लिए शिक्षामित्र लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। सरकार ने इस संबंध में शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया। तबादले का ऐसा ही एक आदेश 2018 में जारी हुआ था, जिसमें करीब एक लाख शिक्षामित्र लाभान्वित हुए थे। शेष बचे शिक्षामित्रों को अब नए आदेश से बड़ी राहत मिलेगी।

शुक्रवार को जारी शासनादेश के अनुसार पुरुष शिक्षामित्र या फिर अविवाहित महिला शिक्षामित्र वर्तमान में कार्यरत विद्यालय में तैनात रहने अथवा मूल विद्यालय या मूल विद्यालय में पद रिक्त न होने की दशा में ग्रामसभा, ग्राम पंचायत, वार्ड में संचालित पास के विद्यालय में शिक्षामित्र के रिक्त पद पर तैनाती के संबंध में विकल्प दे सकेंगे। वहीं विवाहित महिला शिक्षामित्र वर्तमान में कार्यरत विद्यालय में तैनात रहने या मूल विद्यालय या उसी या अन्य जिले में पति के निवास प्रमाण पत्र के आधार पर पति के घर की ग्रामसभा, ग्राम पंचायत, वार्ड में स्थित परिषदीय प्राथमिक विद्यालय में रिक्त शिक्षामित्र पद पर तैनाती का विकल्प दे सकेंगी।

इन नियमों पर तबादला

जो शिक्षामित्र अपने कार्यरत विद्यालय में ही पदस्थापित करने का विकल्प देंगे तो उनके आवेदन पत्रों पर किसी कार्यवाही की आवश्यकता नहीं होगी। स्थानान्तरण, समायोजन के प्राप्त आवेदन के आधार पर ही जिला स्तरीय गठित समिति द्वारा निर्धारित भारांक एवं रिक्ति के सापेक्ष शिक्षामित्र पद पर स्थानान्तरण, समायोजन की कार्यवाही राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) लखनऊ द्वारा विकसित साफ्टवेयर पोर्टल से ऑनलाइन जिले स्तर पर की जाएगी।

रिपोर्ट पंडित जुगनू शर्मा
उत्तर प्रदेश

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