जनपदवासियों के मनोरंजन और किसानों को तकनीकी खेती तथा यांत्रिकी आविष्कार के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए अपनी पहचान रखने वाली जिला कृषि एवं औद्योगिक प्रदर्शन नुमाइश का आयोजन अब अधर में लटक गया है।गर्मियों के सीजन में मनोरंजन का अवसर लेकर आने वाली नुमाइश को दंगों के बाद सर्दी की ठिठुरती रातों में शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन इस बार यह परम्परा टूटती नजर आती है। नुमाइश का ठेका हो जाने के बाद बाजार लगने की तैयारी चल ही रही थी कि जिलाधिकारी ने इसका अनुमोदन करने के बजाये इस पर जांच बैठा दी और सीडीओ को पत्रावली सौंपकर वित्तीय सम्बंधी रिपोर्ट तलब कर ली, जिससे नुमाइश का आयोजन अधर में लटक गया और अब जनवरी की सर्दी में भी नुमाइश के आयोजन की संभावना प्रबल रूप से क्षीण हो चुकी हैं।

जनपद में नुमाइश का बाजार लगातार महंगा होता जा रहा है। वर्ष 2023 में 30 दिन की नुमाइश का ठेका 2.38 करोड़ रुपये में बहराइच की कंपनी के नाम छूटा था और इस बार नुमाइश के आयोजन के लिए ठेके को लेकर हुई कार्यवाही में अधिकतम बोली 2.51 करोड़ रुपये की आई। सर्वाधिक बोली लगाने वाली कंपनी कमला इंटरप्राइजेज मेरठ के मालिक रिंकू कुमार के नाम जिला प्रदर्शनी समिति की ओर से ठेका छोड़ दिया गया। जबकि पिछल साल ठेके का पैसा भी वसूल नहीं होने की पीड़ा सुनाते हुए ठेकेदारों ने पूरा भुगतान करने से इंकार करते हुए छूट मांगी थी, तो बड़ा बवाल हो गया था। प्रदर्शनी समिति की ओर से नुमाइश मैदान के गेट के दरवाजे बंद कर ताला डाल दिया गया था और ठेकेदार फर्म के झूले व अन्य सामान भी रोक लिया था। इसके बाद कंपनी को पूरा पैसा जमा कराना पड़ा था।

इस बाद नुमाइश के आयोजन की तैयारी अक्टूबर में ही शुरू हो चुकी थी। नवम्बर माह में नुमाइश का आयोजन कराने की तैयारी थी। इसी बीच मीरापुर सीट पर उपचुनाव के लिए आचार संहिता लग जाने के कारण सारी तैयारी धरी रह गई। चुनाव निपटा तो एक बार फिर से जिला प्रदर्शन सीमिति की ओर से नगर मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने नुमाइश के आयोजन की तैयारी प्रारम्भ की थी। इसके लिए दो दिसम्बर को निविदा आमंत्रित की गई। नगर मजिस्ट्रेट के समक्ष इनको खोला गया तो कमला इंटरप्राइजेज मेरठ की कंपनी ने सर्वाधिक 2.51 करोड़ रुपये की बोली लगाई और उसको ठेका स्वीकृत कर लिया गया। यह ठेका पिछले साल से 13 लाख रुपये अधिक रहा। इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी अलग से देय तय किया गया। ठेका होने के बाद अनुमोदन के लिए पत्रावली जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को भेजी गई तो उन्होंने इस पर जांच बैठा दी। डीएम श्री मिश्रा ने बताया कि सीडीओ से वित्तीय व्यवस्था सम्बंधी रिपोर्ट मांगी गई है। इसके बाद ही नुमाइश के आयोजन को लेकर अंतिम निर्णय लिया जायेगा। वहीं नगर मजिस्ट्रेट विकास कश्यप का कहना है कि इस साल नुमाइश का आयोजन होने की संभावना अब नहीं हैं। जनवरी में नुमाइश के आयोजन का औचित्य नहीं बनता है, क्योंकि सर्दी तीव्र हो जायेगी। अभी डीएम की ओर से भी स्वीकृति नहीं मिल पाई है। उनके द्वारा वित्तीय व्यवस्था को लेकर सीडीओ को जांच सौंपते हुए उनकी राय मांगी है, वो अभी प्राप्त नहीं हो पाई। वहीं सूत्रों का कहना है कि यदि नुमाइश का आयोजन होता तो इससे जनपद के लोगों को मनोरंजन का परम्रागत अवसर मिलने के साथ ही इससे सरकार को भी करीब 60 लाख रुपये बतौर राजस्व प्राप्त होने की संभावना बनी थी।

लोकेशन.. जिला मुजफ्फरनगर खतौली
मुजफ्फरनगर

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