बांसडा में आयोजित आज श्री मद भागवत कथा के अंतिम दिवस गुरुदेव नारायण प्रसाद ओझा उज्जैन द्वारा कथा प्रारंभ पूर्व गुरु दक्षिणा कार्यक्रम रखा जिसमें कई भक्तों ने गुरु दक्षिणा ली एवं शिष्य बने, गुरुदेव द्वारा गुरु मंत्र के साथ सांसारिक जीवन में भगवन एवं भागवत के महत्व के साथ माता पिता एवं सनातन में जीव मात्र की सेवा का महत्व बताते हुए जीवन जीने की शिक्षा के साथ मानव सेवा परमोधर्म बताया एवं सभी को गुरुमंत्र दिया । तत्पश्चात भावना व्यास एवं भरतकुमार व्यास व कोमल एवं दुर्गेश व्यास एवं भगवतीसुथार सहित कईओ ने परिवार सहित गुरुदक्षिणा ली । बाद में श्री मंशापूर्व महादेव मंदिर प्रांगण में हवन से पूर्व श्री मदभागवतजी पोथी पूजन एवं सभी देवताओं के विधिवत पूजा अर्चना के बाद कथा पंडाल में घी एवं जव तल हवन पंडितजी द्वारा करवाया गया । जिसमें घी हवन की आहुति मुख्ययजमान भरतकुमार व्यास ने परिवार सहित एवं जव–तल हवन शांतिलाल व्यास, शंकरलाल लोहार, मांगीलाल प्रजापत एवं कन्हैयालाल व्यास द्वारा परिवार सहित विधिवत करवाया गया ।
तत्पश्चात गुरुदेव ओझा जी के श्री मुख से श्री कथा वाचन प्रारंभ हुआ, आज की कथा में गुरुदेव ने सुखदेव ऋषि और राजा परीक्षित की कथा प्रसंग सुनाते हुए बताया कि श्रीमद्भागवत पुराण के केंद्र में है, जहाँ तक्षक नाग के श्राप से मृत्यु के भय से ग्रस्त परीक्षित को शुकदेव जी ने सात दिनों तक भागवत कथा सुनाई, जिससे परीक्षित का मन संसार से विरक्त हो गया और उन्होंने मृत्यु को स्वीकार कर मोक्ष प्राप्त किया; यह कथा सांसारिक मोह, इच्छाओं के त्याग और ईश्वर-भक्ति के माध्यम से शांति पाने का उपदेश देती है।
नरसिंह जी कथा का वर्णन करते हुए श्री कृष्ण सुदामा का मार्मिक प्रसंग सुनाया ।
प्रत्येक इंसान को मानव समाज ही नहीं अपितु जीव मात्र की रक्षार्थ संकल्पित रहना चाहिए, अब यहां संकल्प भी दो प्रकार के बताए है शुद्ध संकल्प जिसमें परमात्मा का पूर्ण सहयोग मिलता है और अशुद्ध संकल्प में परमात्मा आपसे काफी दूरी बनाए रखते है ।
कथा में भामाशाह श्रीहिम्मतसिंह जी झाला एवं साथ में पंचायत समिती सदस्य रतनसिंह झाला का पधारना हुआ एवं अखिल भारतीय मेनारिया समाज के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री धीरज जी पानेरी के प्रतिनिधि के तौर पर वाना से पंचों का पधारना हुआ, तत्पश्चात झाला साहब का एवं अध्यक्ष प्रतिनिधि का स्वागत व्यास पीठ पर बिराजित गुरुदेव ओझा जी द्वारा मोठडा एवं दुप्पटा पहनाकर किया गया ।
कथा स्थल पर श्री मंशापूर्ण महादेव मंदिर निर्माण के लिए भामाशाह श्रीहिम्मतसिंहजी झाला की तरफ से₹100000 देने की घोषणा की गई । एवं इस कथा के निमित मेनारिया समाज राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री धीरज जी पानेरी की तरफ से 11000 रुपया सहयोगार्थ प्रदान किए गए ।
कथा के बाद पंडाल में प्रसाद वरदीचंद रामा जी जाट की तरफ से वितरण करवाया गया । आरती में सभी मेहमानों ने भाग लिया ।
तत्पश्चात श्रीमद् भागवत जी की पोथी एवं गुरुदेव रथयात्रा के साथ गांव के मुख्य मार्गों से गुजरती हुई हनुमानजी मंदिर, माता जी मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर एवं चारभुजा जी मंदिर होते हुए गांव के प्रमुख रिंग मार्गों से होते हुए गंतव्य पर पहुंची, तत्पश्चात पधारे हुए तमाम मेहमानों के साथ पूरी ग्राम पंचायत के महाप्रसाद का आयोजन हुआ जिसमें सभी ने भोजन प्रसाद लिया ।
कथा श्रवण हेतु बांसड़ा,बामनिया, केदारिया, लाल जी का खेड़ा, अमरपुरा, भोपाखेडा, कुंथवास, खेरोदा, वाना, रूंदेड़ा, खरसान सहित कई गांव से लोग़ कथा श्रवण हेतु भाग लिया ।





रिपोर्ट केलास तेली भींडर उदयपुर राजस्थान
