Amit Shah Bastar Visit: अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरा कई मायनों में बेहद अहम है. उनका यह कार्यक्रम सुरक्षा, राजनीति और संगठन स्तर पर गहरा संदेश देने वाला है.

रायपुर:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिन के छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. शुक्रवार रात वह रायपुर पहुंच चुके हैं. इस दौरान वह विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा उत्सव के एक प्रमुख पारंपरिक आयोजन ‘मुरिया दरबार’ में शामिल होंगे.नक्सलवाद के गढ़ बस्तर में अमित शाह का दौरा कई मायनों में अहम माना जा रहा है. शनिवार दोपहर 12 बजे के बाद वह जगदलपुर पहुंचेंगे और वहां मां दंतेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे. इसके बाद, दोपहर लगभग साढ़े 12 बजे बस्तर दशहरा के तहत मुरिया दरबार कार्यक्रम में शामिल होंगे और पुजारियों और आदिवासी समुदाय के नेताओं से बातचीत करेंगे. इसके बाद वह दोपहर तीन बजे जगदलपुर से जाने से पहले वह स्वदेशी मेले में शामिल होंगे. गृह मंत्री का ये दौरा इतना अहम क्यों माना जा रहा है, डिटेल में जानें.

बस्तर दौरे के पीछे क्या है मकसद?

अमित शाह का बस्तर दौरा इसलिए अहम माना जा रहा है. शाह के दौरे का मकसद नक्सल प्रभावित इलाके में चल रहे अभियानों की समीक्षा करना है. गृह मंत्री बस्तर में प्रशासनिक अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों संग बैठक करेंगे और अभियान कहां तक पहुंचा, उसका जायजा लेंगे. छत्तीसगढ़ को मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त बस्तर बनाने का लक्ष्य दिया गया है. केंद्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियां इसे लेकर मिलकर काम कर रही हैं.

अमित शाह का बस्तर दौरा क्यों है अहम?

अमित शाह का बस्तर दौरा दशहरा उत्सव या फिर सिर्फ नक्सल अभियान तक सीमित नहीं है. इसके अहम राजनीतिक मायने भी हैं. दरअस छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी बस्तर जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में संगठन को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है. इसीलिए शाह का बस्तर दौरा संगठन और कार्यकर्ताओं के लिए नई ऊर्जा भरने वाला माना जा रहा है. 

बस्तर उत्सव में शामिल होना देगा क्या संदेश?

अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरा कई मायनों में बेहद अहम है. उनका यह कार्यक्रम सुरक्षा, राजनीति और संगठन स्तर पर गहरा संदेश देने वाला है. ये दौरा सिर्फ सुरक्षा ही नहीं बीजेपी संगठन और राजनीति के लिहाज से भी अहम है. बस्तर के  कार्यकर्ताओं को उत्साहित करना और आदिवासी वोटर्स को साधना उनकी प्राथमिकता रहेगा. शाह का ये दौरान छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा असर डाल सकता है.

शाह ने कई बार दोहराई नक्सलवाद को खत्म करने की बात

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने के सरकार के संकल्प को बार-बार दोहराते रहे हैं. बता दें कि साल 2023 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान तेज हुए हैं. सुरक्षाबलों ने जनवरी 2023 से अब तक कई मुठभेड़ों में 450 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराया है, जिनमें से ज्यादातर बस्तर क्षेत्र में केंद्रित थे. 

शाह ने सितंबर महीने में छत्तीसगढ़ के कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर सफल  ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट को अंजाम देने वाले CRPF, छत्तीसगढ़ पुलिस, कोबरा और DRG जवानों को सम्मानित किया था.इस दौरान उन्होंने कहा था कि नक्सलियों के खिलाफ  अभियान के दौरान ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के दौरान जवानों का शौर्य और पराक्रम इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज किया जाएगा. 

31 मार्च, 2026 तक देश को नक्सल मुक्त बनाने का संकल्प

अमित शाह ने साफ कहा था कि सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी, जब तक सभी नक्सली आत्मसमर्पण न कर दें या फिर पकड़े या खत्म न कर दिए जाएं.  जाएं.पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत को नक्सल मुक्त बनाएंगे. उन्होंने मोदी सरकार के उस  संकल्प को भी दोहराया था, जिसमें 31 मार्च, 2026 तक देश को नक्सल मुक्त करने की बात कही गई है. 

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