ट्रेन चालक की सतर्कता और सूझबूझ से एक बड़ी अनहोनी टल गई. यह घटना तब सामने आई जब ट्रेन चालक को इंजन में बैठे युवक पर शक हुआ.

इटावा:

कालका-नेता जी एक्सप्रेस ट्रेन (Kalka Netaji Express) में उस वक़्त बड़ा हड़कंप मच गया, जब एक फर्जी लोको पायलट बनकर इंजन में सफ़र कर रहे एक युवक को रंगे हाथों पकड़ लिया गया. ट्रेन चालक की सतर्कता और सूझबूझ से एक बड़ी अनहोनी टल गई. यह घटना तब सामने आई जब ट्रेन चालक को इंजन में बैठे युवक पर शक हुआ. युवक पूरी वर्दी पहने हुए था और उसके पास नकली आईडी कार्ड और नामपट्टी भी थी. संदेह होने पर, ट्रेन चालक ने तुरंत टूंडला हेडक्वार्टर को सूचना दी.

सूचना मिलते ही, ट्रेन को इटावा स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-4 पर रोका गया और आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) ने मौके पर पहुंचकर आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार आरोपी की पहचान आकाश कुमार पुत्र राकेश कुमार, निवासी कौशल्या नगर, थाना उत्तर, जनपद फिरोजाबाद के रूप में हुई है.    

बरामद हुए फर्जी दस्तावेज़ और चौंकाने वाला खुलासा

गिरफ्तार आरोपी के पास से लाल-हरी झंडियां और एक लॉग बुक भी बरामद हुई है, जो सभी फर्जी हैं. मामले में सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि आरोपी आकाश कुमार पिछले दो वर्षों से खुद को लोको पायलट बताकर अलग-अलग ट्रेनों में सफ़र करता रहा है. जांच में पता चला है कि आरोपी महज़ दसवीं पास है. उसने यह फर्जी पहचान अपने लोको पायलट दोस्त की मदद से बनाई थी.

रेलवे सुरक्षा पर उठे बड़े सवाल

इस घटना ने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है. सीओ जीआरपी (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) उदय प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपी का बचपन से रेलवे में काम करने का सपना था, लेकिन जब वह लोको पायलट नहीं बन पाया तो उसने यह गैरकानूनी रास्ता चुना. हाल ही में टूंडला में फर्जी टीटीई पकड़ा गया था.

अब इटावा में फर्जी लोको पायलट की गिरफ्तारी ने दर्शा दिया है कि कैसे सुरक्षा घेरे को आसानी से भेदा जा रहा है. पुलिस को यह भी आशंका है कि आरोपी नौकरी दिलाने का झांसा देकर लोगों के साथ ठगी में भी शामिल हो सकता है.

पुलिस कार्रवाई और रेलवे का एक्शन

सीओ जीआरपी उदय प्रताप सिंह ने बताया कि डिप्टीएसएस इटावा द्वारा तहरीर दी गई है, जिसके आधार पर आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. आरोपी को बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की कार्यवाही की गई है.

यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए, रेलवे ने इस मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा इंतज़ामों को और सख़्त करने की तैयारी की जा रही है. रेलवे अब अपनी आंतरिक सुरक्षा प्रोटोकॉल पर कड़ी नज़र रखेगा.

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