इसी महीने तालिबान ने देश की यूनिवर्सिटीज से महिलाओं की लिखी गई किताबों को भी हटाना शुरू कर दिया है. तालिबान ने इस फैसले को शरिया कानून के तहत ही बताया है.

नई दिल्‍ली:

अफगानिस्‍तान में पिछले दिनों इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है. इसकी वजह से इंटरनेट और मोबाइल टेलीफोन सर्विसेज पूरे देश में बंद रहीं. हालांकि तालिबान प्रशासन की तरफ से इस पर कोई भी सफाई नहीं दी गई है मगर इस कदम ने चिंता जताई गई है. हाल के कुछ दिनों में तालिबान की तरफ से ऑनलाइन पोर्नोग्राफी को लेकर चिंता जताई गई है. वहीं यह बात भी सच है कि साल 2021 में जब से तालिबान सत्‍ता में वापस आया है तब से ही महिलाओं और अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रतिबंध लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. मानवाधिकार समूहों और विदेशी सरकारों ने भी इसकी आलोचना की है. इस साल तालिबान ने महिलाओं की आजादी को खत्‍म करने वाले कई ऐसे कदम उठाए हैं जो वाकई चिंताजनक हैं. एक नजर डालिए ऐसे ही कुछ प्रतिबंधों पर. 

इंटरनेट पर लगाया बैन 

17 सितंबर को तालिबान ने ‘गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए उत्तरी अफगानिस्‍तान के एक बड़े हिस्से में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की. यह प्रतिबंध पांच प्रांतों – कुंदुज, बदख्शां, बगलान, तखर और बल्ख और इस क्षेत्र के मुख्य आबादी वाले हिस्‍सों को कवर करता है. तालिबान का कहना है कि प्रतिबंध में मोबाइल फोन डेटा शामिल नहीं है.

नई दिल्‍ली:

अफगानिस्‍तान में पिछले दिनों इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है. इसकी वजह से इंटरनेट और मोबाइल टेलीफोन सर्विसेज पूरे देश में बंद रहीं. हालांकि तालिबान प्रशासन की तरफ से इस पर कोई भी सफाई नहीं दी गई है मगर इस कदम ने चिंता जताई गई है. हाल के कुछ दिनों में तालिबान की तरफ से ऑनलाइन पोर्नोग्राफी को लेकर चिंता जताई गई है. वहीं यह बात भी सच है कि साल 2021 में जब से तालिबान सत्‍ता में वापस आया है तब से ही महिलाओं और अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रतिबंध लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. मानवाधिकार समूहों और विदेशी सरकारों ने भी इसकी आलोचना की है. इस साल तालिबान ने महिलाओं की आजादी को खत्‍म करने वाले कई ऐसे कदम उठाए हैं जो वाकई चिंताजनक हैं. एक नजर डालिए ऐसे ही कुछ प्रतिबंधों पर. 

इंटरनेट पर लगाया बैन 

17 सितंबर को तालिबान ने ‘गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए उत्तरी अफगानिस्‍तान के एक बड़े हिस्से में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की. यह प्रतिबंध पांच प्रांतों – कुंदुज, बदख्शां, बगलान, तखर और बल्ख और इस क्षेत्र के मुख्य आबादी वाले हिस्‍सों को कवर करता है. तालिबान का कहना है कि प्रतिबंध में मोबाइल फोन डेटा शामिल नहीं है.

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