पीएम मोदी ने कहा कि संघ में कभी कोई विरोधाभास नहीं हुआ क्योंकि हर धारा का भाव और उद्देश्य एक ही राष्ट्र प्रथम. हम राष्ट्र सेवा को सबसे ऊपर रखते हैं और रखते रहेंगे.

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 साल पूरा होने के खास मौके पर दिल्ली में एक खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस खास मौके पर पीएम मोदी ने अपना संबोधन दिया और RSS के योगदान को याद किया. इस खास मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि संघ राष्ट्रचेतना का पुण्य अवतार है. संघ की धारा में सैकड़ों जीवन पुष्पित हुए हैं. संघ ने इस देश के हर क्षेत्र समाज के हर आयाम को स्पर्श किया है. यह अविरल तबका का फल है यह राष्ट्र प्रवाह प्रबल है. जिस तरह एक नदी कई धाराओं में खुद को प्रकट करती है, हर धारा अलग-अलग क्षेत्र को पल्वित करती है, संघ की यात्रा भी ऐसी है, संघ के अलग-अलग संगठन भी जीवन के हर पक्ष से जुड़कर राष्ट्र की सेवा करते हैं, शिक्षा, कृषि, समाज कल्याण, आदिवासी कल्याण हो कला या अन्य क्षेत्र हों.

पीएम मोदी ने कहा कि संघ में कभी कोई विरोधाभास नहीं हुआ क्योंकि हर धारा का भाव और उद्देश्य एक ही राष्ट्र प्रथम. अपने गठन के बाद से ही राष्टीय स्वयंसेवक संघ विराट उद्देश्य लेकर चला, ये उद्देश्य रहा राष्ट्र निर्माण, संघ ने जो रास्ता चुना वो था व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण, वो कार्यपद्धति चुनी वो थी नित्य चलने वाली शाखा.

पीएम मोदी ने कहा कि आज महानवमी है. आज देवी सिद्धिदात्रि का दिन है. कल विजयादशमी का महापर्व है. अन्याय पर न्याय की जीत,असत्य पर सत्य की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत.विजयादशमी भारतीय संस्कृति के इस विचार और विश्वास का कालजयी उद्घोष है. ऐसे महान पर्व पर 100 साल पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना कोई संयोग नहीं था. यह हजारों सालों से चली आ रही परंपरा का पुर्नउत्थान था. इस युग में संघ उसी अनादि राष्ट्रचेतना का पुण्य अवतार है. यह हमारी पीढ़ी के स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि हमें संघ के शताब्दी वर्ष जैसा महान अवसर देखने को मिल रहा है. 

पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत सरकार ने विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्के जारी किए हैं. 100 रुपये के सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय चिह्न है और दूसरी ओर सिंह के साथ वरद् मुद्रा में भारत माता की भव्य छवि और समर्पण भाव से उसे नमन करते स्वयंसेवक दिखाई देते हैं. भारतीय मुद्रा पर भारत माता की तस्वीर संभवत स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है. इस सिक्के के ऊपर संघ का बोध वाक्य भी अंकित है-राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम.

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