क्लास में चुनाव प्रक्रिया का पूरा सिस्टम तैयार किया गया और खास बात यह है यह क्लास में चुनाव पर्ची से वोट डालकर हुआ. इसके लिए क्लास में ही एक पोलिंग बूथ तैयार किया गया.

भारत के लोकतंत्र में चुनाव कैसे होते हैं, एक अध्यापक ने अपनी क्लास के सभी छात्रों को बताया. ना सिर्फ बताया बल्कि इस पूरे प्रोसेस को क्लास में करवाया. इसके लिए अध्यापक ने क्लास रूम में मॉक चुनाव करवाया. चुनाव के लिए चार छात्रों को कैंडिडेट बनाया और और बाकी बच्चों को मतदाता बनाया. क्लास में चुनाव प्रक्रिया का पूरा सिस्टम तैयार किया गया और खास बात यह है यह क्लास में चुनाव पर्ची से वोट डालकर हुआ. इसके लिए क्लास में ही एक पोलिंग बूथ तैयार किया गया. क्लास में हुई इस पूरी चुनाव प्रक्रिया का वीडियो हो रहा है और लोग इस शिक्षक की जमकर तारीफ कर रहे हैं.

क्लास में हुए चुनाव (Classroom Election Video Viral)
 पर पोस्ट किए गए वीडियो में, ‘मास्टरजी’ नाम के एक यूजर ने बताया कि उन्होंने चुनाव प्रक्रिया कैसे संचालित की. उन्होंने कहा, ‘आज मैंने क्लास में चुनाव कराकर बच्चों को सिखाया कि किसी देश में लोकतंत्र कैसे काम करता है, मैं उन्हें ‘सरकार और लोकतंत्र’ चैप्टर पढ़ा रहा था, मैंने इस प्रक्रिया के लिए चार उम्मीदवार खड़े किए, उन्हें पार्टी के चुनाव चिह्न दिए और उन्हें प्रचार के लिए चार दिन दिए, मैंने दो बच्चों को पीठासीन अधिकारी की भूमिका सौंपी, मैंने एक पोलिंग सेंटर बनाया, यह सुनिश्चित करने के लिए कि चुनाव निष्पक्ष रूप से हो, मैंने मॉनिटरों को पुलिस अधिकारी बना दिया’.

लोगों ने कहा देश को ऐसे टीचर्स की जरूरत  (Teacher Conducts Election in Classroom)
इसके बाद वीडियो में देख सकते हैं कि छात्र अपने पहचान पत्र दिखाकर वोट डालते देखे जा सकते हैं. उन्होंने अपनी उंगली पर स्याही भी लगवाई. टीचर ने कहा, ‘सभी छात्र बहुत उत्साहित थे, कुछ छात्र जो हार गए थे, वे उदास थे, लेकिन अंत में जिस उम्मीदवार का नारा था ‘समोसा दबाओ सोमेश जिताओ’, वह जीत गया, उसे हम सभी को समोसे खिलाने पड़े’. ऐसी प्रक्रिया सार्वजनिक भाषण, निर्णय लेने और सहयोग जैसे बुनियादी स्किल को बढ़ावा देती हैं. इसके अतिरिक्त, समसामयिक घटनाओं या सामुदायिक मुद्दों पर मॉक चुनाव आयोजित करने से छात्रों की सहभागिता और गहरी हो सकती है. इस वीडियो को अब तक दस लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. एक यूजर ने कहा, ‘ऐसी शिक्षा जिसकी हर स्कूल को जरूरत है’. वहीं, एक और ने कहा, ‘हमें आप जैसे शिक्षकों की जरूरत है’.

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