सागर खुद को फिल्म Shootout at Lokhandwala के किरदार ‘माया’ से प्रेरित मानता है और उसी की तर्ज पर अपना गैंग खड़ा किया है.

नई दिल्ली:

दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के सरिता विहार इलाके में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और कुख्यात माया गैंग के बीच सुबह एक जबरदस्त मुठभेड़ हुई. इस दौरान गैंग का सरगना सागर उर्फ माया भाई गोली लगने से घायल हो गया, जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जानकारी के मुताबिक सागर खुद को फिल्म Shootout at Lokhandwala के किरदार ‘माया’ से प्रेरित मानता है.

मौत का दूसरा नाम माया

अभी तक पुलिस सूत्रों के मुताबिक, माया गैंग में एक दर्जन से ज्यादा बदमाश शामिल हैं, जो दिल्ली-एनसीआर में एक्टिव हैं. गैंग का लोगो है – “मौत का दूसरा नाम माया”, और इसके सदस्यों की पहचान उनके शरीर पर गुदवाए गए “मौत” नाम के टैटू से होती है. सागर के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें हत्या के प्रयास, लूट और अवैध वसूली जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं. सागर दूसरे बदमाशों से भी प्रोटेक्शन मनी वसूलता था. 

कैसे सुर्खियों में आया गैंग

दिल्ली का ‘माया गैंग’ 2023 में तब सुर्खियों में आया था, जब एक रोड रेज की घटना में एमेजॉन कंपनी के सीनियर मैनेजर की हत्या कर दी थी. इस हत्‍या को माया गैंग ने ही अंजाम दिया था. यह गैंग पुराने बड़े गैंगस्टरों से अलग है, क्योंकि इसका सरगना और सदस्य काफी कम उम्र के हैं. समीर ने बॉलीवुड फिल्म ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ में विवेक ओबेरॉय द्वारा निभाए गए किरदार ‘माया भाई’ से प्रभावित होकर अपने गैंग का नाम ‘माया गैंग’ रखा.

सोशल मीडिया पर हथियारों की नुमाइश

ऐसा बताया जाता है कि वह खुद को भी ‘किंग माया’ भी कहता है. यह गैंग सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव है. समीर अपने इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर हथियारों के साथ तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करता था, ताकि लोगों में उसका खौफ बना रहे और उसका दबदबा लगातार बढ़ता रहे. उसके बायो में ‘नाम-बदनाम, पता-कब्रिस्तान’ और ‘उम्र जीने की, शौक मरने का’ जैसी लाइनें लिखी थीं.

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