अफगानिस्तान में एक तरफ सर्जिकल कॉस्मेटिक तेजी से बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ महिलाओं के लिए हेयर सैलून और ब्यूटी पार्लरों पर बैन लगा दिया गया है.

एक ऐसा देश जहां महिलाओं के लिए बिना पुरुषों के ट्रेवल करना बैन है, बाहर जाकर नौकरी करना बैन है, पार्क में जाना बैन है, जिम जाना बैन है, उनके लिए यूनिवर्सिटी तक बैन है… अगर आपको कहें कि ऐसे देश में महिलाओं के बीच बोटॉक्स फिलर जैसी कॉस्मेटिक सर्जरी का खूब चलन है तो आप शायद ही यकीन करें. हम बात कर रहे हैं अफगानिस्तान की जहां 4 साल से तालिबान ने कब्जा किया हुआ है. अगर आप इतनी बातों पर ही हैरत में हैं तो यह भी जान लीजिए कि ये तालिबान के लड़ाके भी इन क्लिनिक पर जाकर कॉस्मेटिक सर्जरी कराते हैं. 

न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार तालिबान के सख्त धार्मिक शासन और अफगानिस्तान में प्रचलित रूढ़िवाद और गरीबी के बावजूद, देश में दशकों के युद्ध की समाप्ति के बाद से काबुल में लगभग 20 ऐसे क्लीनिक फले-फूले हैं. विदेश से डॉक्टर आ रहे हैं, विशेष रूप से तुर्की से. वो अफगानों को ट्रेनिंग देने के लिए काबुल की यात्रा कर रहे हैं. ये अफगान नागिरक इस्तांबुल में इंटर्नशिप करते हैं. जबकि सर्जरी के लिए उपकरण (इक्विपमेंट) एशिया या यूरोप से आयात किए जाते हैं.

एएफपी ने 25 साल की सिलसिला हामिदी से बात की जिन्होंने दूसरी बार फेसलिफ्ट लेने का फैसला किया. उन्हें यकीन हो गया है कि उनकी त्वचा (स्कीन) अफगानिस्तान में एक महिला होने के तनाव से पीड़ित है. हामिदी ने कहा, “भले ही दूसरे हमें नहीं देख सकते, लेकिन हम खुद को तो देखते हैं: आइने में सुंदर दिखने से हमें ऊर्जा मिलती है.” 

दरअसल तालिबान सरकार के प्रतिबंधों के तहत, यहां की महिलाओं की काम तक पहुंच गंभीर रूप से बाधित हो गई है. वे अब पुरुष गार्डियन के बिना लंबी दूरी की यात्रा नहीं कर सकतीं, वे घर के बाहर अपनी आवाज नहीं उठा सकतीं. उन्हें यूनिवर्सिटीज, पार्कों और जिमों में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

क्लिनिक पर तालिबान वाले भी आते हैं

अफगानिस्तान में एक तरफ सर्जिकल कॉस्मेटिक तेजी से बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ महिलाओं के लिए हेयर सैलून और ब्यूटी पार्लरों पर बैन लगा दिया गया है. हामिदी ने 23 साल की उम्र में पहली बार चेहरे के निचले हिस्से पर काम करवाया था. उनका कहना है कि अगर पार्लर खुले होते तो हमारी त्वचा इस हालत में नहीं होती, हमें सर्जरी की जरूरत नहीं होती.

तालिबान अधिकारी आमतौर पर इस्लामी कानून की अपनी व्याख्या के अनुसार शारीरिक विशेषताओं को बदलने से मना करते हैं. एएफपी के अनुसार उन्होंने कॉस्मेटिक सर्जरी पर टिप्पणी के लिए कई अनुरोधों का जवाब नहीं दिया. इस क्षेत्र के लोगों ने कहा कि इसकी अनुमति है क्योंकि इसे दवा माना जाता है. क्लिनिक कर्मियों ने एएफपी को बताया कि सरकार उनके काम में हस्तक्षेप नहीं करती है, लेकिन मोरल पुलिस यह जांच करती है कि महिला और पुरुषों के बीच स्पष्ट दूरी रखा गया है या नहीं: एक पुरुष रोगी के लिए एक पुरुष नर्स होता है, एक महिला रोगी के लिए एक महिला नर्स.

त्वचा विशेषज्ञ (dermatologist) अब्दुल नसीम सादिकी ने अपने चार मंजिला विला को क्लिनिक में तब्दील कर लिया है. उन्होंने कहा कि यहां भी सर्जरी वैसे ही होती हैं जो विदेशों में उपयोग की जाती हैं और “कोई खतरा नहीं” है. उनके क्लिनिक में, बोटोक्स के लिए 4000 से 7500 भारतीय रुपए और हेयर इम्प्लांट के लिए 2300 से 45000 तक का खर्च आता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *