केजेएस ढिल्लों ने कहा कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खुद को एक बंकर में छिपा लिया था और जनता की नजरों से बचने के लिए खुद को फील्ड मार्शल का पद दे दिया था. वह एकमात्र सेना प्रमुख थे जो ऑपरेशन के दौरान बंकर में छिप गए थे.

नई दिल्ली:

पाकिस्तान की सेना और उसकी नाकामियों पर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लों ने कड़ा हमला बोला है. एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के मौजूदा सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर अकेले ऐसे सेनाध्यक्ष हैं जो युद्ध के दौरान बंकर में छिप गए थे. ढिल्लों ने विस्तार से बताया कि 10 मई को भारत ने किस तरह से पाकिस्तान के 11 एयरबेस पर सटीक हमला किया था. इस दौरान पाकिस्तान की एयर डिफेंस कोई भी भारतीय मिसाइल इंटरसेप्ट नहीं कर पाई. न ही पाकिस्तान एयरफोर्स का एक भी विमान भारतीय हमले को रोकने के लिए उड़ान भर सका.

पाकिस्तान पर कैसे हुई भारत की जीत?

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने शनिवार को भारत के ऑपरेशन सिंदूर के प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला और भारत की रणनीतिक जीत पर ज़ोर दिया. ढिल्लों ने कहा, 10 मई को जब हमने 11 एयरबेसों पर सटीक हमला किया, तो हमारी एक भी मिसाइल पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली द्वारा रोकी नहीं जा सकी, बस यही जीत है. 

 पाकिस्तानी वायु सेना भारतीय प्रक्षेपास्त्रों को रोक नहीं सकी और उनके डीजीएमओ ने 10 मई को दोपहर 3:35 बजे भारत के डीजीएमओ से संपर्क करके युद्धविराम की गुहार लगाई. पाकिस्तान ने युद्धविराम के लिए अमेरिका और सऊदी अरब जैसे देशों से मध्यस्थता की मांग की, जो तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के खिलाफ भारत के रुख के विपरीत है.

पाकिस्तान सीजफायर के लिए गिड़गिड़ाया

जब पाकिस्तानी DGMO ने 10 मई को दोपहर 3:35 बजे हमारे डीजीएमओ को फोन किया और सीजफायर की अपील की, तो यही जीत है. जब वे मध्यस्थता और युद्धविराम की मांग करते हुए अमेरिका या सऊदी अरब जाते हैं – तो यही जीत है. जब हम कहते हैं कि हम नीति के तौर पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं चाहते हैं, तो यह जीत है.

पाक सेना प्रमुख बंकर में छिपे थे

केजेएस ढिल्लों ने कहा कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खुद को एक बंकर में छिपा लिया था और जनता की नजरों से बचने के लिए खुद को फील्ड मार्शल का पद दे दिया था. वह एकमात्र सेना प्रमुख थे जो ऑपरेशन के दौरान बंकर में छिप गए थे और एकमात्र सेना प्रमुख थे जिन्होंने जनता की नज़रों से बचने के लिए खुद को फील्ड मार्शल का पद दिया. साथ ही, वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में राष्ट्राध्यक्ष के साथ जाने वाले एकमात्र सेना प्रमुख भी थे.

बता दें कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर को 20 मई को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया था. यह भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले के 13 दिन बाद और युद्धविराम समझौते के 10 दिन बाद हुआ था. पूर्व राष्ट्रपति अयूब खान के बाद मुनीर इस पद पर पदोन्नत होने वाले दूसरे व्यक्ति और स्वतंत्र पाकिस्तान के पहले सेना प्रमुख हैं.

पाक सेना ने कभी कोई युद्ध नहीं जीता

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने आगे कहा कि पाकिस्तानी सेना दुनिया की एकमात्र ऐसी सेना है जिसने कभी कोई युद्ध नहीं जीता. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया के एकमात्र युद्ध में 93,000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था. बता दें कि रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों मार्च 2020 से जनवरी 2022 तक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के अधीन रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक और एकीकृत रक्षा स्टाफ (खुफिया) के उप प्रमुख रहे. वर्तमान में वह आईआईटी मंडी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष हैं.

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