रिलायंस कंपनी (पावर प्लांट) के खिलाफ यह आवेदन दिया गया।

हजीरा से निकलने वाली फ्लायऐश एजेंटों के माध्यम से वितरित की जाती है।

एजेंटों के जरिए वितरण होने से छोटे निर्माताओं को
फ्लायऐश समय पर और उचित दर पर नहीं मिलती।

500 प्रतिशत ऊँचे दामों पर मार्केट में कालाबाजारी की जा रही है।

वर्तमान में सूरत में करीब 400 उत्पादन करने वाले कारखाने कार्यरत हैं।

इससे लगभग 25,000 लोगों की रोज़गारी जुड़ी हुई है।

यदि स्थानीय निर्माताओं को आसानी से नजदीक में फ्लायऐश उपलब्ध नहीं होगी,
तो आने वाले समय में ये सभी कारखाने बंद होने की आशंका है।

News by :
Mayank agarwal
Gujrat State Head

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