लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ पश्चिमी उत्तरप्रदेश का एक काफ़ी पुराना चिकित्सा महाविद्यालय है, जो कई वर्षों से छात्रहित व जनहित में लगातार कार्य कर रहा है एवं नये नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
इसी क्रम में मेडिकल कॉलेज मेरठ के शल्य चिकित्सा विभाग ने 33 वर्षीय महिला रोगी में पैनक्रियाज़ एवं एम्पुलरी कैंसर के लिए जटिल व्हिप्पल प्रक्रिया (पैनक्रियाटोडुओडेनोस्टॉमी) सफलतापूर्वक संपन्न की। जिसके पश्चात रोगी कैंसर-मुक्त होकर घर के लिए छुट्टी पर भेज दी गई है।
यह जटिल शल्य प्रक्रिया कई घंटों तक चली।
यह उपलब्धि डॉ. (प्रो.) संजीव कुमार के नेतृत्व में सहायक आचार्य डॉ. शुभम यादव, जूनियर रेज़िडेंट डॉ. मनीष, डॉ. ऋषभ तथा एनेस्थीसिया टीम के संयुक्त प्रयासों से संभव हुई ।
जटिल व्हिप्पल प्रक्रिया की मुख्य उपलब्धि
• जटिल व्हिप्पल ऑपरेशन सफलतापूर्वक सम्पन्न; रोगी की स्थिर स्थिति में डिस्चार्ज और रोगमुक्ति की पुष्टि की गई ।
• बहुविषयक दल-आधारित देखभाल के साथ समयबद्ध ऑपरेशन और पोस्ट-ऑपरेटिव प्रबंधन किया गया

जटिल व्हिप्पल प्रक्रिया की आवश्यकता किन कारणों से पड़ती है
• सबसे सामान्य कारण पैनक्रियाज़ हेड का डक्टल ऐडेनोकार्सिनोमा है, जो धूम्रपान, क्रॉनिक पैनक्रियाटाइटिस, पारिवारिक/आनुवंशिक सिंड्रोम से संबंधित हो सकता है ।
• पेरिअम्पुलरी क्षेत्र के अन्य घातक रोग—एम्पुलरी कार्सिनोमा, डिस्टल बाइल-डक्ट (कोलांजियोकार्सिनोमा) और डुओडीनल कैंसर—स्थानीय रोग-जनन के कारण पित्त/पैंक्रियाटिक डक्ट अवरोध, दर्द और वजन-क्षय उत्पन्न करते हैं

जटिल व्हिप्पल प्रक्रिया के बारे में:-
व्हिप्पल प्रक्रिया में सामान्यतः अग्न्याशय का सिरा, डुओडेनम, पित्ताशय और कॉमन बाइल डक्ट का एक भाग निकालकर पाचन तंत्र का पुनर्निर्माण किया जाता है; यह उच्च-कौशल और दीर्घ अवधि वाली शल्य प्रक्रिया मानी जाती है । रोगी की स्थिति, ट्यूमर की प्रकृति और शल्य-विधि के अनुसार ऑपरेशन की अवधि कई घंटों तक रह सकती है ।
प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने शल्य चिकित्सा विभाग के द्वारा जटिल व्हिप्पल प्रक्रिया को संपन्न किये जाने हेतु शुभकामनाये दी।

मेरठ

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