देश के सबसे बड़े बैंक का आकलन है कि GST कॉउन्सिल द्वारा GST रेट रेशनलाइजेशन के फैसले से खुदरा महंगाई दर (CPI inflation) को नियंत्रण में रखने में भी मदद मिलेगी.

नई दिल्ली:
GST कॉउंसिल के GST रेट रेशनलाइजेशन के फैसले का असर 453 वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स पर पड़ा है, जिनमें करीब 91% चीजें 22 सितंबर 2025 से सस्ती हो जाएंगी. SBI रिसर्च ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट – “The Good and Simple (Tax) unleashed” में कहा है कि जिन 453 वस्तुओं पर जीएसटी की दरें बदली गई हैं, उनमें से 413 वस्तुओं की दरों में कमी आई है. जबकि केवल 40 वस्तुओं की दरों में वृद्धि हुई है. लगभग 295 वस्तुओं पर अब 5% शून्य की नई जीएसटी दर लागू है, जो पहले 12% थी”.
सरकार का अनुमान है कि GST रेट रेशनलाइजेशन का वार्षिक राजकोषीय प्रभाव (Net Fiscal Impact) 48,000 करोड़ होगा. हालांकि, SBI रिसर्च का आकलन है कि ट्रेंड ग्रोथ और संभावित कंजम्पशन बूस्ट को देखते हुए इस बड़े फैसले से जीएसटी में लगभग 3,700 करोड़ रुपये की राजस्व हानि हो सकती है, जिसका राजकोषीय घाटे (fiscal deficit) पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेग
खुदरा महंगाई दर कंट्रोल करने में मिलेगी मदद
देश के सबसे बड़े बैंक का आकलन है कि GST कॉउन्सिल द्वारा GST रेट रेशनलाइजेशन के फैसले से खुदरा महंगाई दर (CPI inflation) को नियंत्रण में रखने में भी मदद मिलेगी. जरूरी वस्तुओं (लगभग 295 वस्तुओं) की जीएसटी दर 12% से घटकर 5% शून्य हो गई है, इसलिए इस श्रेणी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति भी वित्त वर्ष 26 में 25-30 bps तक कम हो सकती है.
मुद्रास्फीति में 40-45 bps तक की कमी का अनुमान
इसके अलावा, सेवाओं की जीएसटी दरों के युक्तिकरण से अन्य वस्तुओं और सेवाओं पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति में 40-45 bps तक की कमी का अनुमान है. कुल मिलाकर SBI रिसर्च का आंकलन है कि वित्त वर्ष 26-27 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति 65-75 bps तक घट सकती है.
व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम (पुनर्बीमा सहित) पर जीएसटी शून्य कर दिया गया है. जीएसटी हटाने से कुल प्रीमियम में कमी आएगी और सामर्थ्य (affordability) में सुधार होगा. इससे दो तरह से मदद मिल सकती है. मौजूदा परिवार स्वास्थ्य बीमा में बीमित राशि बढ़ा सकते हैं, और नए खरीदारों को स्वास्थ्य और टर्म बीमा खरीदने के लिए आकर्षित कर सकते हैं.
