इसके बाद नगर निगम ने फ्लैट के रहवासियों को फ्लैट खाली करने का नोटिस दिया था।

इस मामले में रहवासियों ने हाईकोर्ट में राहत की मांग करते हुए याचिका दायर की थी।

इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई।

हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि अहमदाबाद की दुर्घटना देखने के बाद ऐसी घटना का पुनरावर्तन नहीं होना चाहिए।

फ्लैट हटाए जाने चाहिए और रहवासियों को मुआवजा भी मिलना चाहिए।

हाईकोर्ट ने कहा कि नगर निगम और DGCA दोनों को निष्पक्ष तरीके से जांच करनी चाहिए।

इस मामले में नया संयुक्त रिपोर्ट देने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से प्रस्तुत किया गया कि कुछ बिल्डरों ने ऊंचाई के नियमों का उल्लंघन किया है और DGCA से उसकी मंजूरी नहीं ली है।

कुछ बिल्डरों ने गलत समन्वय के आधार पर NOC लेने का प्रयास किया है, नगर निगम से विकास की अनुमति भी प्राप्त नहीं की है।

एयरपोर्ट से कितनी दूरी पर आवासीय संपत्ति होनी चाहिए, इसका भी पालन नहीं किया गया है।

यदि नगर निगम सभी बाधक सोसाइटियों को तोड़ेगा, तो हजारों परिवारों को परेशानी होगी।

तब कोर्ट ने टिप्पणी की कि DGCA और नगर निगम मिलकर इस समस्या का हल निकालें।

News by :
Mayank agarwal
Gujrat State Head

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