भाई की कलाई पर राखी बांधकर बहनें उसके लंबे जीवन, सुख और समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।
ब्राह्मण समाज के लिए रक्षाबंधन का विशेष महत्व है।
सूरत के कर्मनाथ महादेव मंदिर में बड़ी संख्या में ब्राह्मण एकत्र हुए।
रक्षाबंधन के दिन ब्राह्मणों ने पुरानी जनेऊ बदलकर नई धारण की।
श्रावणी उपाकर्म विधि के अंतर्गत शास्त्रोक्त मंत्रोच्चार के साथ यह विधि संपन्न हुई।
यह पर्व शुद्धि, प्रायश्चित और नए संकल्प का प्रतीक है।
रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते के साथ-साथ धार्मिक और आत्मिक शुद्धि का भी पर्व है।



News by :
Mayank agarwal
Gujrat State Head
