सूरत: शहर के अठवा गेट चोपाटी क्षेत्र की बेहद कीमती और बेशकीमती जमीन पर लीज समाप्त हो जाने के बावजूद मनपा (महानगरपालिका) द्वारा सरकार की अनुमति के बिना दुकानें बनाकर किराए पर देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मनपा ने राज्य सरकार की जमीन पर खुद टेंडर निकालकर दुकानें किराए पर दीं, जिससे अब सिटी सर्वे विभाग ने मनपा और सभी दुकानदारों को धारा 61 के तहत नोटिस जारी किया है।

राज्य सरकार की स्वामित्व वाली यानी कलेक्टर की धारा 65 के तहत आने वाली जमीन पर सूरत महानगरपालिका द्वारा सीधे नियंत्रण कर लेने से एक और विवाद सामने आया है। बात है अठवा गेट के पास स्थित सिटी सर्वे नंबर 647 और 648 की करीब 34,800 वर्ग मीटर जमीन की। यह जमीन मनपा ने सिर्फ 15 साल की लीज पर ली थी। लेकिन लीज की अवधि खत्म हो जाने के बाद भी मनपा ने जमीन का कब्जा नहीं छोड़ा।

इतना ही नहीं, मनपा ने कलेक्टर की जमीन पर दुकानें बना दीं और टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से उन्हें किराए पर दे दिया। फिलहाल लगभग 20 दुकानें मनपा द्वारा किराए पर दी गई हैं, जिनमें से कुछ दुकानें तो चालू भी हो चुकी हैं।

अब बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या सरकारी तंत्र मनपा के इस अवैध कब्जे पर कोई कार्रवाई करेगा, या फिर यह मामला भी राजनीतिक दबाव में दबा दिया जाएगा?

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News by
Mayank Agarwal
Gujarat State office

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