सूरत महानगरपालिका के स्मीमेर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा के लिए मैनपावर उपलब्ध कराने वाली निजी सुरक्षा एजेंसी द्वारा श्रम कानूनों के खुलेआम उल्लंघन के मामले में आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल से मुलाकात कर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

प्रतिनिधिमंडल का आरोप है कि करीब 30 से 40 करोड़ रुपये के ठेके पर सुरक्षा एजेंसियों को महानगरपालिका की संपत्तियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन इसके बावजूद एजेंसियां न तो न्यूनतम वेतन नियमों का पालन कर रही हैं और न ही कर्मचारियों को निर्धारित ड्यूटी घंटे दे रही हैं। स्मीमेर अस्पताल में हुई आकस्मिक जांच के दौरान आम आदमी पार्टी के कॉर्पोरेटरों को यह जानकारी मिली कि कई सुरक्षा कर्मचारी 8 घंटे की बजाय डबल और ट्रिपल शिफ्ट में काम कर रहे हैं, फिर भी उन्हें निर्धारित न्यूनतम वेतन से कम भुगतान किया जा रहा है।

आप के कॉर्पोरेटरों ने मौके पर ही चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर जाग्रत नायक को बुलाकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया। लेकिन अधिकारी ने पूर्व की भांति लापरवाह जवाब देते हुए कहा, “अब तक इस मुद्दे पर आपका कोई ध्यानाकर्षण नहीं मिला था, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की गई।”

विपक्ष की नेता पायल साकरिया के नेतृत्व में, उपनेता महेशभाई अनघण, दंडक रचनाबेन हीरपरा, कॉर्पोरेटर विपुलभाई सुहागिया और वॉच एंड वॉर्ड अधिकारी अनिलभाई पटेल ने संयुक्त रूप से स्मीमेर का निरीक्षण कर साक्ष्यों सहित वीडियो क्लिप नगर आयुक्त को सौंपे।

आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि टेंडर की शर्तों और नियमों का लगातार उल्लंघन होने के बावजूद वॉच एंड वॉर्ड विभाग सिर्फ औपचारिक दंड लगाकर मामले को रफा-दफा करता रहा है और अब यह स्पष्ट हो गया है कि प्रशासन सुरक्षा एजेंसियों के गठजोड़ के सामने लाचार हो चुका है।

इसलिए पार्टी ने “शक्ति प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड” नामक सुरक्षा एजेंसी को तत्काल ब्लैकलिस्ट करने और कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने प्रतिनिधिमंडल की बात को गंभीरता से सुना और आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिया।

News by
Mayank Agarwal
Gujarat State office

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