हिम्मतनगर में किसानों और पुलिस के बीच झड़प, हाईवे जाम, लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे गए
गुजरात के साबરकांठा ज़िले की प्रसिद्ध साबर डेयरी के बाहर आज दूध उत्पादक किसानों और पशुपालकों का गुस्सा फूट पड़ा। डेयरी द्वारा दूध की खरीद दरों में अपेक्षित वृद्धि न किए जाने के विरोध में सैकड़ों किसानों ने डेयरी कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया।किसानों ने आरोप लगाया कि डेयरी प्रबंधन ने इस वर्ष दूध के बोनस और खरीद दर में बहुत कम बढ़ोतरी की है, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों की मांग थी कि डेयरी दूध के दाम में कम से कम 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि करे, जबकि उन्हें केवल 9.75 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी दी गई है।प्रदर्शन के दौरान स्थिति तब बेकाबू हो गई जब आक्रोशित किसानों ने साबर डेयरी परिसर के मुख्य गेट की ग्रिल तोड़ दी, सीसीटीवी कैमरों को नुकसान पहुँचाया और कार्यालय पर पथराव कर दिया। इसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े।इस झड़प में तीन से अधिक किसान घायल हो गए। साथ ही कई पुलिसकर्मियों को भी हल्की चोटें आई हैं। हालात को काबू में लाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया और पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया।प्रदर्शनकारियों ने हिम्मतनगर–तालोद राष्ट्रीय राजमार्ग को भी कुछ समय के लिए अवरुद्ध कर दिया, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। किसानों के आंदोलन को बल देने के लिए स्थानीय विधायक धवलसिंह झाला भी मौके पर पहुंचे और किसानों की मांगों का समर्थन किया।साबर डेयरी प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने बोनस और दूध दरों में वृद्धि की है, लेकिन किसानों का कहना है कि यह वृद्धि मौजूदा महंगाई और चारे की कीमतों को देखते हुए अपर्याप्त है।


हिम्मतनगर ब्यूरो
मयंक अग्रवाल
