नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल से महज 6 किलोमीटर दूर महर्षि विद्या मंदिर ताकुला में गुरु पूर्णिमा का आयोजन किया गया जिसमें छोटे छोटे स्कूल के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम कर वाहवाही लूटी।
इस अवसर पर सर्वप्रथम कार्यक्रम का शुभ आरंभ गुरु पूजन तथा भावातीत ध्यान से किया गया।
तत्पश्चात प्रधानाचार्य द्वारा जीवन में गुरु के महत्व को बताया गया।।
गुरु पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हर साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह दिन गुरु शिष्य परंपरा का प्रतीक है और गुरु के प्रति सम्मान एवं आभार प्रकट करने का एक अवसर है। गुरु की महिमा को समझते हुए, यह दिन गुरु को सम्मानित करने और उनके योगदान को याद करने के लिए समर्पित होता है।

गुरु पूर्णिमा का महत्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि समाज और संस्कृति की दृष्टि से भी अत्यधिक है। यह दिन हमें हमारे जीवन के मार्गदर्शक, शिक्षक और मार्गप्रदर्शक गुरु के प्रति अपनी कृतज्ञता और आस्था को व्यक्त करने का एक अवसर प्रदान करता है।

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में गुरु का स्थान बहुत ऊंचा होता है। शिक्षक न केवल हमें ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि वे हमारे चरित्र निर्माण, जीवन के मूल्यों और दायित्वों के प्रति जागरूक करते हैं। गुरु का कार्य केवल पाठशाला या कॉलेज तक सीमित नहीं होता, बल्कि वे हमें जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
कार्यक्रम में प्रधानाचार्य निर्मल पाण्डे
दीपा बिष्ट, रेखा भट्ट, दीपिका , सरोज दत्त , प्रियंका , हिमानी, वैशाली, बरखा , मानसी ,खस्टी सिजवाली, अभय जोशी उपस्थित थे।

स्थान। नैनीताल।
रिपोर्ट। ललित जोशी।

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