
आज नाम वापसी की आखिरी तारीख है. तब तक विद्रोहियों को शांत करने का काम किया जा रहा है. कुछ जगहों पर सफलता मिल रही है तो कुछ जगहों पर बागी चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं. चाहे वह महायुति हो या महाविकास अघाड़ी। दोनों में बड़े पैमाने पर विद्रोह हुआ है. इसलिए बागियों को ठंडा करने की कोशिश की जा रही है. गोंदिया जिले के आमगांव विधानसभा क्षेत्र में भी यही स्थिति है. यहां महाविकास अघाड़ी में बगावत हो गई है. महाविकास अघाड़ी में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई है. इससे नाराज होकर यहां राष्ट्रवादी शरद पवार पार्टी के नेता ने बगावत कर दी है. ऐसे समय में कांग्रेस के नए उम्मीदवार की टेंशन बढ़ गई है.महाविकास अघाड़ी के बागी विलास चकाते ने गोंदिया जिले के आमगांव निर्वाचन क्षेत्र से अपनी उम्मीदवारी दाखिल की। विलास चकाते और उनके कार्यकर्ताओं की मांग है कि महाविकास अघाड़ी का टिकट राष्ट्रवादी शरद चंद्र पवार की पार्टी को दिया जाना चाहिए. लेकिन विलास चकाटे, जो राष्ट्रवादी शरद चंद्र पवार पार्टी के तालुका अध्यक्ष हैं, ने विद्रोह कर दिया है क्योंकि महाविकास अघाड़ी ने एक नया उम्मीदवार दिया है और यह देखना महत्वपूर्ण है कि महाविकास अघाड़ी के पार्टी अभिजात वर्ग अपने विद्रोह को शांत करने के लिए कौन सा तरीका अपनाएंगे।साफ है कि आमगांव-देवरी विधानसभा क्षेत्र में महाविकास अखाड़े में बगावत हो गई है. एनसीपी शरद पवार पार्टी के विलास चकत और उनके कार्यकर्ता अभी भी नाराज हैं. वो गुस्सा विलास चकाते ने भी दिखाया है. वही पहिए अब चुनाव मैदान में उतर चुके हैं. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ बगावत कर जुर्माना लगाया है. कांग्रेस ने नया उम्मीदवार मैदान में उतारा है. ऐसे समय में महाविकास अघाड़ी में बगावत ने कांग्रेस के नए उम्मीदवार की टेंशन बढ़ा दी है.आज नाम वापसी की आखिरी तारीख है. बागियों को ठंडा करने का काम किया जा रहा है. लगातार कोशिशों के बावजूद आमगांव सीट पर सफलता नहीं मिलने से बागी विलास चकाटे चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं. इसलिए आज साफ हो जाएगा कि बंदोबा आमगांव विधानसभा क्षेत्र में शांत हो जाएंगे या जुर्माना लगाकर चुनाव लड़ने पर अड़े रहेंगे. कांग्रेस पार्टी में चकाटे की उम्मीदवारी का जबरदस्त विरोध हो रहा है. इसलिए अगर यहां की बगावत को नहीं दबाया गया तो यह महाविकास अघाड़ी के नए उम्मीदवार के लिए खतरे की घंटी होगी.
रिपोर्ट : जुबेर शेख
