2000 रुपये लेकर लेकर बनाते थे आयुष्मान कार्ड, तीन गिरफ्तार… जानें कैसे लगा रहे थे सरकारी योजना को पलीता एसओजी और साइबर क्राइम थाना पुलिस ने फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाने वाले गिरोह के तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में एक जनसेवा केंद्र संचालक और दो एजेंट हैं। एक आरोपी शामली जिले के ओदरी गांव और दो उत्तराखंड के ऋषिकेश के रहने वाले हैं।मास्टमाइंड अभी पकड़ में नहीं आया है।
जिले में फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने के खेल होते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आया था। पुलिस लाइन सभागार में बुधवार को एसपी रामसेवक गौतम ने प्रेसवार्ता में बताया कि 19 फरवरी को एसीएमओ डॉ. अतहर जमील की तरफ से साइबर क्राइम थाने पर आयुष्मान कार्ड बनाए जाने के संबंध में दो लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इस मामले में साइबर क्राइम थाना पुलिस के साथ एसओजी, सर्विलांस और साइबर सेल की टीमें गठित की गई थीं। आयुष्मान कार्ड बनाने के तीन आरोपी मुबीन निवासी गांव ओदरी, अतुल चौहान निवासी आवास कालोनी ऋषिकेश जिला देहरादून मूल निवासी गांव नूरपुर हट्टी थाना नगीना जिला बिजनौर और राकेश पांडे निवासी कैनाल रोड ऋषिकेश हैं। आरोपियों में राकेश पांडे ऋषिकेश में जनसेवा केंद्र चलाता है, जबकि मुबीन व अतुल चौहान आयुष्मान कार्ड बनवाने वाले लोगों की तलाश करते थे। एक आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए 1500 से दो हजार रुपये वसूलते थे। पुलिस इस मामले में जांच में अभी जुटी है।
रिपोर्ट.. पंडित जुगनू शर्मा