गायत्री परिवार पचपेड़वा द्वारा आयोजित पांच दिवसीय प्रज्ञा पुराण कथा एवं नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन नव दांपत्य सम्मेलन का विशेष कार्यक्रम किया गया। इस सम्मेलन में 40 दंपतियों ने प्रतिभाग किया।

शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे गायत्री परिवार युवा प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि एवं टोली नायक जय प्रकाश वर्मा ने गायत्री मंत्र के उच्चारण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

उन्होंने कहा कि दांपत्य सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य है दंपतियों के विचारों के अंदर संस्कारों को आरोपित करना। पति पत्नी के बीच संबंधों में विश्वास की डोर मजबूत करने में संस्कारों के पथ पर चलते हुए ऋषियों और शास्त्रों के सूत्रों को जीवन में अपनाना है। उन्होंने कहा कि परिवार रूपी गाड़ी में पति और पत्नी पहिए का काम करते हैं, जब दोनो पहिए ठीक होते हैं तब ही परिवार रूपी गाड़ी चलती हैं ।
उन्होंने परिवार निर्माण के विभिन्न सूत्रों को उपस्थित नव दंपतियों को विस्तार पूर्वक समझाया। उन्होंने सभी को दो शरीर और एक प्राण होने का ध्यान कराया। सभी दंपतियों ने एक दूसरे को फूल माला पहनाकर एक दूसरे का सम्मान किया। उपहार के रूप में गायत्री मंत्र की पट्टिका पति पत्नी ने एक दूसरे को पहनाया। सभी दंपतियो ने एक दूसरे की अच्छाई और बुराई एक पेज पर लिख कर हवन कुंड में डलवा दिया। जिससे जो भी कमियां हो वो भस्म हो जाएं। गायत्री शक्तिपीठ के पावन प्रांगण में उपस्थित दम्पति वैवाहिक जीवन के विभिन्न सूत्रों को अपनाने के लिए प्रेरित हुए।
विशिष्ट अतिथि के रूप में बलरामपुर के सक्रिय युवा परिजन सुनील वर्मा/ नीलम वर्मा, नगर पंचायत अध्यक्ष गैंसड़ी प्रिंस वर्मा, नगर पंचायत अध्यक्ष पचपेड़वा रवि वर्मा, गायत्री परिवार बलरामपुर के युवा जनपद प्रभारी संदीप जायसवाल, धर्मांशु जायसवाल, संगीता जायसवाल, असीस अग्रवाल, नवल किशोर चौरसिया, हेमंत चौरसिया, समेत कई दंपति शामिल हुए।

मसरूर अली
पचपेड़वा (बलरामपुर)

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