मेरठ, 21 दिसंबर 2024 – हियर द साइलेंस फाउंडेशन और सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन कैटल (CIRC) ने IIMT एकेडमी, गंगा नगर, मेरठ में “पानी की पाठशाला” का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में जल संरक्षण और जल के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
पद्मश्री जल योद्धा उमा शंकर पांडे ने मुख्य वक्ता के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।पद्मश्री उमा शंकर पांडे ने अपने वक्तव्य में जल को “जीवन का आधार” बताते हुए कहा, “जल अमूल्य है और यह केवल एक संसाधन नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू में ऊर्जा, शक्ति और पवित्रता का प्रतीक है। जल ही वह शक्ति है जो धर्म, संस्कृति और सभ्यता का मूल आधार है।” उन्होंने बताया कि जल संरक्षण के बिना भविष्य में गंभीर संकट खड़े हो सकते हैं।
कार्यक्रम में हियर द साइलेंस फाउंडेशन की संस्थापक सचिव नेहा वत्स कक्कड़ ने कहा, “जल केवल प्रकृति का उपहार नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति और सभ्यता की नींव है। इसे स्वच्छ और संरक्षित रखना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है।” उन्होंने बच्चों को जल संरक्षण के महत्व को समझाते हुए इसे दैनिक जीवन में लागू करने का आग्रह किया।
CIRC के निदेशक डॉ. अशोक कुमार मोहंती ने अपने संबोधन में बच्चों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे वैज्ञानिक प्रयोग कैसे जल संरक्षण और दैनिक जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
कार्यक्रम में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और जल संरक्षण से जुड़े रोचक प्रश्न पूछे। अंत में, बच्चों ने जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने और इसे अपने समुदाय में लागू करने का संकल्प लिया।
IIMT ग्रुप ऑफ स्कूल्स की प्रबंध निदेशक पियांशु अग्रवाल ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों और युवाओं में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का भाव जगाते हैं।
इस कार्यक्रम में HTS वॉलंटियर्स और गोवंश संस्थान के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी एस. के. शर्मा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
पानी की पाठशाला कार्यक्रम ने जल के महत्व और इसके संरक्षण के लिए सामाजिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रेरणा दी। यह आयोजन समाज में जागरूकता फैलाने और जल संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल साबित हुआ।