उदयपुर जिले के वल्लभनगर उपखंड क्षैत्र के नगर जनों ने अरावली पर्वतमाला के संरक्षण के संबंध मे वल्लभनगर उपजिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री भारत सरकार के नाम सोपा ज्ञापन।
ज्ञापन में बताया के सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में आए फैसले के बाद अरावली पवर्तमाला को लेकर पर्यावरण विद व जनता चिंता जता रही है सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 100 मीटर से कम उंचाई वाले क्षेत्रों में खनन कि अनुमति दे दी तथा राजस्थान के कवच अरावली को लेकर तरह तरह कि प्रति किया व सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रति कुल आदेश जारी फरमाया गया है जो कि 100 मीटर के उचीं पहाडी को ही अरावली माना जाये 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाडी को अरावली कि श्रेणी में नही आका जाये।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरावली के सम्बन्ध में जो आदेश जारी फरमाया गया है वो आदेश अरावली के सम्बन्ध में प्रतिकुल आदेश जारी फरमाया गया है अरावली के भु भाग घटने से अरावली पर्वतमाला समाप्त होने से प्रदेश में मरूस्थल का विस्तार होगा, प्रदेश में गर्म हवाओ का व्यापक असर बढ़ता जाएगा, प्रदेश में भुकंप के झटके बढ़ेंगे, प्रदेश में अरावली से निकलने वाली नदिया समाप्त हो जायेगी, प्रदेश के कृर्षी क्षेत्र में फसलो पर बहुत ही बुरा असर पड़ेगा, प्रदेश के भौगोलिक दशाओं और जलवायु पर विपरित प्रभाव पडेगा तथा प्रदेश में वर्षा का सिस्टम प्रभावित होगा अरावली के हटने से राजस्थान मे घुल मिटटी, व पर्यावरण पर विपरित प्रभाव पडेगा, जन जीवन अस्थ व्यस्थ होगा, प्रदुषण फेलेगा तथा अरावली पवर्तमाला भारत के मानसुन चक्र में महत्वपूर्ण है और देश के तापमान को नियंत्रित करने का काम करती है यह थार रेगिस्तान और दक्षिण के अधिक आर्द्र क्षेत्रो के बिच बफर के रूप में कार्य करके भारत में मरूस्थली करण को रोकने में भी सहायक है।ज्ञापन देने में एडवोकेट योगेश माली एडवोकेट अनूप पुजारी, दिलीप मेनारिया, जुगल कुमार माली, पवन मेनारिया, एडवोकेट कैलाश मेघवाल, दिनेश डांगी, पिंटू डांगी उदय सिंह राजपूत, मनीष पाटीदार, रमेश जैन सहित उपखंड क्षैत्र के नगरजन उपस्थित रहै।


रिपोर्ट केलास तेली भींडर उदयपुर राजस्थान
