भारतीय सिनेमा के 25 वर्षों पर आईएमडीबी की रिपोर्ट 2000-2025 तक भारत में सबसे ज्यादा खोजे गए सेलेब्स और फ़िल्मों के नाम सामने रखे हैं. इस लिस्ट में मोस्ट सर्च्ड एक्टर में अव्वल पर जो नाम है वह एक अभिनेत्री का है.

नई दिल्ली:

भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में हमेशा से पुरुषों का बोलबाला रहा है. अमिताभ बच्चन से लेकर शाहरुख खान और रणबीर कपूर तक, ये अभिनेता हमेशा अपने समय की अभिनेत्रियों से अधिक फीस पाते रहे. श्रीदेवी या हेमा मालिनी जैसी महिला सितारों ने अपने पुरुष समकक्षों से बहुत कम ही कमाई की है. हालांकि अब सोशल मीडिया के दौर में तस्वीर बदलती नजर आ रही है. कुछ महिला स्टार्स बड़े सुपरस्टार्स से भी आगे निकल रही है, जैसा कि आईएमडीबी की नई रिपोर्ट में सामने आया है.

भारतीय सिनेमा के 25 वर्षों पर आईएमडीबी की रिपोर्ट 2000-2025 तक भारत में सबसे ज्यादा खोजे गए सेलेब्स और फ़िल्मों के नाम सामने रखे हैं. इस लिस्ट में मोस्ट सर्च्ड एक्टर में अव्वल पर जो नाम है वह एक अभिनेत्री का है.

पॉपुलैरिटी में कौन अव्वल?

रिपोर्ट के अनुसार, ये रैंकिंग दुनिया भर में IMDb पर आने वाले 25 करोड़ से ज़्यादा मासिक विज़िटर्स के वास्तविक पेज व्यूज़ के आधार पर तय होती है. दीपिका पादुकोण इस सूची में अपने कोस्टार और दोस्त शाहरुख खान से आगे हैं. दो और अभिनेत्रियां – ऐश्वर्या राय और आलिया भट्ट – टॉप 5 में शामिल हैं. वहीं दिवंगत अभिनेता इरफान खान भी इस लिस्ट में शामिल हैं. आमिर खान (6), सलमान खान (8), ऋतिक रोशन (9) और अक्षय कुमार (10) जैसे टॉप बॉलीवुड स्टार्स शीर्ष 10 में जगह बनाने में कामयाब रहे. लेकिन केवल दो क्षेत्रीय सितारे ही इस सूची में जगह बना पाए – प्रभास 29वें और धनुष 30वें स्थान पर.

बेबाक बोलीं दीपिका

लिस्ट में अपनी जगह पर प्रतिक्रिया देते हुए, दीपिका ने कहा, “जब मैंने अपना सफ़र शुरू किया था, तो मुझे अक्सर बताया जाता था कि सफल होने के लिए एक महिला को अपने करियर को कैसे आगे बढ़ाना चाहिए या उससे किस तरह की उम्मीद की जाती है. हालांकि, शुरू से ही, मैं सवाल पूछने, लोगों को नाराज़ करने, कठिन रास्ते पर चलने और मौजूदा स्थिति को चुनौती देने से कभी नहीं डरी ताकि हम सभी से उस ढांचे को नया रूप दे सकें जिसमें हम सभी से फिट होने की उम्मीद की जाती है.”

उन्होंने आगे कहा, “मेरे परिवार, फैंस और सहयोगियों ने मुझ पर जो विश्वास जताया है, उसने मुझे अपने फैसले लेने की शक्ति दी है, और उम्मीद है कि मेरे बाद आने वाली फ़िल्मों के रास्ते हमेशा के लिए बदल जाएंगे. भारतीय सिनेमा के 25 सालों पर IMDb की रिपोर्ट मेरे इस विश्वास को और पुष्ट और मज़बूत करती है कि ईमानदारी, प्रामाणिकता और लचीलापन मायने रखता है, और अपने मूल विश्वासों पर अडिग रहकर बदलाव संभव है.”

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