भारत-चीन संबंधों में एक बार फिर से सुधार देखा जा रहा है. दोनों ही देशों  के बीच बहुत जल्द सीधी फ्लाइट्स फिर से शुरू होने वाली हैं. बीजिंग ने भी भारत को यूरिया की आपूर्ति पर प्रतिबंधों में ढील दी है. वहीं नई दिल्ली ने सालों बाद चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा फिर से खोल दिए हैं. ये सब उस सीक्रेट लेटर के बाद हुआ है

नई दिल्ली:

अमेरिका के टैरिफ बम ने भारत और चीन को और नजदीक (India-China Relatons) लाने का काम किया है. दोनों देशों की दूरियां अब घटने लगी हैं और रिश्तों में लगातार सुधार हो रहा है. दोनों के बीच अब गर्मजोशी देखने को मिल रही है. इसका बड़ा उदाहरण पीएम मोदी का जल्द होने वाला चीन का दौरा है. कुछ दिनों पहले चीनी विदेश मंत्री भारत आए थे     और अब 7 साल बाद पीएम मोदी चीन जा रहे हैं. भले ही इसकी वजह ट्रंप का टैरिफ बम माना जा रहा हो लेकिन इसकी बड़ी वजह वह सीक्रेट चिट्ठी 9Xi Jinping Secret Letter)  है, जिसे जिनपिंग ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा था.

जिनपिंग की सीक्रेट चिट्ठी में क्या था?

ट्रंप की व्यापार नीतियों और टैरिफ बम के नेगेटिव प्रभाव को चीन भांप चुका था. जिसके बाद राष्ट्रपति जिनपिंग ने भारत से अपने रिश्ते और बेहतर करने की कोशिश शुरू की. उन्होंने  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक सीक्रेट लेटर भेजा था. इस लेटर में दोनों देशों के बीच संबंधों के सुधार पर जोर दिया गया. ये दावा ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में किया  गया है. ये लेटर दोनों देशों के बीच रिश्तों की नई शुरुआत माना जा रहा है.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, एक भारतीय अधिकारी ने बताया कि चीन से आए जिनपिंग के पत्र में ट्रंप के भारत के साथ ऐसे समझौतों पर चिंता जताई गई, जिनसे बीजिंग के हितों को नुकसान हो सकता है. चिट्ठी में एक अधिकारी का भी जिक्र था, जिसे बीजिंग की पहल को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक अधिकारी ने राष्ट्रपति मुर्मू को भेजे गए इस लेटर की खबर तुरंत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी. 

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