Israel Strike On Houthi Leadership: मोसाद किसी भी हमले को ऐसे ही अंजाम नहीं देती है, वो हमेशा ऐसे मौके की तलाश में रहती है, जिससे दुश्नन की छाती पर सीधा वार किया जाए, ऐसा ही इस मामले में भी हुआ.

दुनिया में कई देश ऐसे हैं, जो अपने दुश्मन को घर में घुसकर मारते हैं. भारत ने भी पिछले कुछ सालों में यही काम किया है. हालांकि इजरायल का स्टाइल तमाम देशों में सबसे अलग है. इजरायल अपने दुश्मन को हिट लिस्ट में रखता है और मौका मिलने पर सटीक वार करता है, जिससे दुश्मन के बचने का कोई चांस नहीं होता. अब इजरायल ने यमन में भी कुछ ऐसा ही किया है, जहां उसने एक झटके में पूरी हूती सरकार की कब्र खोद दी. आइए जानते हैं कि मोसाद को कैसे ये खुफिया जानकारी मिली और इस पूरे ऑपरेशन को किस तरह अंजाम दिया गया.

टॉप लीडरशिप का सफाया

यमन के मीडिया के हवाले से खबर सामने आई कि इजरायल ने यमन की राजधानी सना में हूती विद्रोहियों पर एक सटीक एयरस्ट्राइक की है, जिसमें हूती प्रधानमंत्री गालिब अल-रहावी और रक्षा मंत्री मोहम्मद नासिर अल-अथिफी के साथ इसके कई बड़े नेता और अधिकारी मारे गए. यानी पूरी की पूरी टॉप लीडरशिप का सफाया हो गया. इसे यमन में हूतियों पर इजरायल का अब तक का सबसे खतरनाक हमला बताया जा रहा है. 

एक ही कमरे में दफ्न हुए हूती नेता

इजरायल की एजेंसी मोसाद अपने एकदम सटीक अटैक के लिए जानी जाती है. इस हमले में भी मोसाद ने पहले जानकारी जुटाई और फिर एक साथ अपने तमाम दुश्मनों को मिट्टी में मिला दिया. ये हमला तब हुआ, जब हूती प्रधानमंत्री अपने बाकी मंत्रियों और अधिकारियों के साथ एक अपार्टमेंट में थे, तभी ऊपर से मौत का बम गिरा और ये सभी लोग मारे गए.

मोसाद का खूनी प्लान

मोसाद किसी भी हमले को ऐसे ही अंजाम नहीं देती है, वो हमेशा ऐसे मौके की तलाश में रहती है, जिससे दुश्नन की छाती पर सीधा वार किया जाए. इजरायली एजेंसी ने पहले खुफिया जानकारी जुटाई और पता लगाया कि कब और कहां हूती नेता एक साथ आने वाले हैं. इजरायली एजेंसी को उनके सोर्स से पता चला कि हूती पीएम और बाकी मंत्री हूतियों के बड़े नेता अब्दुल मलिक अल-हूती का भाषण सुनने के लिए एक साथ आ रहे हैं. 

यही वो मौका था जिसका इंतजार मोसाद कर रही थी. लोकेशन कंफर्म होने के बाद पूरा प्लान तैयार किया गया और जैस ही सभी हूती नेता एक जगह पहुंचे, इजरायली एयरफोर्स उन पर कहर बनकर टूट पड़ी. उस घर पर हवा से स्ट्राइक हुई, जिसमें ये बैठक चल रही थी. हमले के बाद वहां मौजूद कोई भी शख्स जिंदा नहीं बच पाया.

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